शास्त्रों के अनुसार इन तरीको को अपनाकर करें अपने सच्चे दोस्त की पहचान…

महात्मा विदुर को महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक माना जाता है। विदुर को यमराज का अवतार भी कहा जाता है। महात्मा विदुर ने देश, काल और परिस्थिति के अनुसार कई ऐसे सूत्र बताए हैं। इन सूत्रों को विदुर नीति कहा जाता है। इसी नीति में से कुछ सूत्र दोस्ती के लिए बताए गए हैं।

दोस्ती सिर्फ एक शब्द नहीं होता ये कुछ लोगों के बीच का वो संबंध होता है जिसमें खून का रिश्ता ना होते हुए भी वो रिश्ता बन जाता है जो सबसे ऊपर होता है। कई बार इस रिश्ते में भी लोग धोखा खा जाते हैं, इससे बचने के लिए विदुर नीति में कुछ ऐसी बाते बताई हैं जिससे आप परेशानी में पड़ने से बच सकते हैं। किसी भी दोस्त का चुनाव करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए कि कौन आपका सच्चा मित्र है और कौन सिर्फ दिखावे के लिए आपका दोस्त है।

गलतियां बताए- कई लोग ऐसे होते हैं जो दुनिया के सामने अच्छा बनने के लिए आपकी गलतियों को नहीं बताते हैं जिसके कारण आप हमेशा पिछड़ते रह जाते हैं। इस तरह के लोग आपके सच्चे दोस्त नहीं हो सकते हैं।

हर किसी को आपकी गलती ना दिखाए- जो लोग हर किसी के सामने आपकी गलतियों को बता देते हैं वो आपके कभी सच्चे दोस्त नहीं होते हैं उनका मकसद सिर्फ हंसी मजाक ही करना होता है। अवगुण को अकेले में रहकर समझाया जाता है।

गुणों की तारीफ करे- आज के समाज की प्रवृत्ति दूसरों को नीचा दिखाने की ही रह गई है, लेकिन जो व्यक्ति दुनिया के सामने आपके गुणों की व्याख्या करे इसका अर्थ होता है कि वो आपका सच्चा हितैषी है।

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