वोडाफोन आइडिया ने किया एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान… शेयर में आई तेजी

वोडाफोन आइडिया ने समायोजित सकल आय (एजीआर) बकाए को लेकर दूरसंचार विभाग को एक हजार करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। इससे पहले 17 फरवरी 2020 को भी कंपनी ने 2,500 करोड़ रुपये जमा किए थे। इसकी जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। अब वोडाफोन आइडिया पर 49,538 करोड़ रुपये बकाया है। जबकि पहले यह रकम 53,038 करोड़ रुपये थी। साथ ही दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बताया है कि टाटा टेलीसर्विसेज को भी एक से दो दिन में पूरे बकाए का भुगतान करने का नोटिस भेजा गया है।

शेयर में आई तेजी

भुगतान के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयर में बढ़त देखने को मिली। दोपहर 2:05 बजे कंपनी का शेयर 3.57 फीसदी की बढ़त के बाद 4.35 के स्तर पर था। जबकि पिछले कारोबारी दिन यह 4.20 के स्तर पर बंद हुआ था।

एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज ने भी किया था भुगतान

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारती एयरटेल ने एजीआर बकाए में से सरकार को 10,000 करोड़ रुपये जमा किए थे। इसके बाद वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज ने कम्रशः 2,500 करोड़ और 2,190 करोड़ रुपये जमा किए थे।

किस कंपनी पर कितना बकाया?

पिछले साल अक्तूबर में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को 90 दिनों के भीतर बकाया 92,000 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था। कंपनियों पर एजीआर और ब्याद की रकम मिलाकर करीब 1.47 लाख करोड़ रुपये बकाया है। गत 16 जनवरी को कोर्ट ने कंपनियों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारीज कर दिया था।

वोडाफोन आइडिया- 49,538 करोड़ रुपये
रिलायंस जियो- 45,000 करोड़ रुपये
भारती एयरटेल- 25,586 करोड़ रुपये
टाटा टेलीकॉम- 11,633 करोड़ रुपये

वोडाफोन आइडिया ने रखा था प्रस्ताव

वोडाफोन आइडिया ने एजीआर का सांविधिक बकाया चुकाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे उच्चतम न्यायालय ने ठुकरा दिया था। वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि कारोबार का भविष्य सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में संशोधन के लिए दायर याचिका के परिणाम पर निर्भर करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तल्ख लहजे में कहा था कि, क्या इस देश में कानून नाम की चीज बची है? क्या हम सुप्रीम कोर्ट बंद कर दें? जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने यह कहते हुए वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल समेत सभी दूरसंचार कंपनियों के एमडी व सीएमडी के खिलाफ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए?

पीठ ने इन दूरसंचार कंपनियों के सीएमडी और एमडी को तलब करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा, आपके पास अदालती आदेश का पालन करने का आखिरी मौका होगा और अगर वे इसमें असफल रहे तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। पीठ ने कहा, हर हालत में सभी तरह का भ्रष्टाचार रुकना चाहिए। यह आखिरी मौका है और आखिरी चेतावनी भी। पीठ ने कहा टेलीकॉम कंपनियों ने शीर्ष अदालत के आदेश का जरा भी सम्मान नहीं किया है।

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