वेरीकॉज वैन्स है खतरनाक बीमारी, जानिए

अगर आप पैरो में तकलीफ से  परेशां है तो जांच ले कही वेरीकोज वेइन्स तो नहीं , आम तौर पर वैरीकोज़ वेन्स तब विकसित होता है जब कोई ज़्यादा वज़न का हो, परिवार में इसका इतिहास रहा हो, कोई महिला गर्भवती हो या रही हो या फिर कोई लंबी अवधि के लिए खड़ा रहता हो। महिला और पुरुष दोनों में ही वैरीकोज़ वेन्स की तकलीफ विकसित होती है। पैरों में थकावट, पैरों में एंठन (क्रैम्प्स), पैरों में दर्द और टखनों में सूजन इसके लक्षणों में शामिल है। यदि वैरीकोज़ वेन्स का इलाज नहीं किया गया तो नसें मोटी, कड़क और पीड़ादायक बन जाती है।

ध्यान देने वाली बात ये है की जैसे-जैसे वैरीकोज़ वेन्स बीमारी बढ़ती जाती है ये गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकती है। वैरीकोज़ वेन्स का शुरुआती स्तर पर इलाज करना आसान है और इसके नतीजे भी काफी अच्छे होते हैं। वहीं बीमारी काफी बढ़ जाने पर उपचार कठिन होता है और परिणाम मिलने में भी लंबा समय लगता है। वैरीकोज़ वेन्स का लेज़र उपचार दुनियाभर में स्वीकृत और उपचार का पसंदीदा प्रकार है।

वही इसके इलाज की अगर बात करे तो परिणामों के मामले में ये ओपन सर्जरी से श्रेष्ठ है। इसके साथ ही ये पीड़ारहित, दागरहित है और मरीज़ 48-72 घंटों में वापस अपने रोजमर्रा के काम पर लौट सकता है। ईवीएलटी यानि वैरीकोज़ वेन्स की एंडोवेनस लेज़र ट्रीटमेंट। ये पीड़ारहित, दागरहित इलाज है और इसमें न के बराबर या कम से कम समस्याएं आती हैं। मरीज़ जल्दी ही उसकी रोजमर्रा की गतिविधियां शुरु कर सकता है।

क्लैक्स हाल ही में भारत में सबसे पहली बार सुरेखा वैरीकोज़ वेन्स क्लिनिक में शुरु की गई है जो पैरों के स्पाइडर वेन्स और छोटी वैरीकोज़ वेन्स के इलाज के लिए एक क्रांतिकारी तकनीक है।क्लैक्स ऑगमेन्टेड रिएलिटी, ट्रान्सडर्मल लेज़र, स्क्लेरोथेरपी और लोकल एनीस्थिसिया के लिए स्किन कूलिंग जैसी विभिन्न तकनीकों का मिश्रण है ।

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