वीरू बोले- मुझे ये जॉब पसंद नहीं, मैं इतनी पाबंदियों में काम नहीं कर सकता…

वीरेंद्र सहवाग पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले को मुख्य चयनकर्ता के पद पर देखना चाहते हैं. पूर्व ओपनर सहवाग ने दिग्गज स्पिनर कुंबले को मुख्य चयनकर्ता बनाने की सिफारिश की है. सहवाग ने कहा कि पूर्व कप्तान की खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ाने की खूबी उन्हें मुख्य चयनकर्ता का प्रबल दावेदार बनाती है.

साथ ही सहवाग ने इस पद के लिए पैसे बढ़ाने की भी बात कही. अपनी बेबाकी के लिए मशहूर सहवाग ने कहा कि बीसीसीआई को चयन समिति को अधिक भुगतान करने की जरूरत है. एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली मौजूदा चयन समिति को अक्सर ‘लाइटवेट’ होने का आरोप झेलना पड़ता है.

गौरतलब है कि इस पूरी चयन समिति के पास कुल मिलाकर 13 टेस्ट मैचों का ही अनुभव है. सहवाग ने कहा, ‘मुझे लगता है कि कुंबले मुख्य चयनकर्ता के पद के लिए योग्य उम्मीदवार होंगे. वह बतौर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे जुड़े रहे और कोच के रूप में युवाओं से उनका संवाद रहा है. ‘

सहवाग ने दिल्ली नें नए ऐप ’द सेलेक्टर’ के लॉन्च के दौरान कहा, ‘जब मैंने ऑस्ट्रेलिया सीरीज 2007-08 में वापसी को, तो कप्तान कुंबले मेरे कमरे में आए और कहा तुम अगली दो सीरीज तक हटाए नहीं जाओगे. खिलाड़ी को इसी तरह के आत्मविश्वास की जरूरत होती है.’

साथ ही सहवाग ने यह भी कहा कि वह नहीं समझते कि कुंबले इस काम के लिए तैयार होंगे, क्योंकि मुख्य चयनकर्ता को सालाना 1 करोड़ रुपये  का भुगतान किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई को यह रकम में इजाफा करना चाहिए. इसके बाद कई खिलाड़ी इस काम के लिए तैयार होंगे.’

ये पूछे जाने पर कि क्या वह यह काम करेंगे..? तो सहवाग ने कहा कि उन्हें बहुत ज्यादा पाबंदियां पसंद नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं कॉलम लिखता हूं, टीवी पर आता हूं और चयनकर्ता बनने का अर्थ है कई बंदिशें. मुझे नहीं लगता कि मैं इतनी पाबंदियों के बीच काम कर सकता हूं.’

कुंबले 2016 से 2017 तक भारतीय टीम के मुख्य कोच थे. कुंबले अब आईसीसी क्रिकेट समिति के चैयरमैन हैं. सहवाग ने भारतीय खिलाड़ियों का राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के तहत डोप टेस्ट कराने पर भी अपने विचार दिए.

उन्होंने कहा, ‘भारतीय खिलाड़ियों का क्लॉज के साथ एक मुद्दा है. टूर्नामेंट के अंदर और बाहर कई बार हमारा भी टेस्ट किया गया था. अभी किसी भी मौजूदा खिलाड़ी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है, इसलिए इसे लेकर थोड़ा इंतजार करना होगा.’

बीसीसीआई के नए संविधान के तहत हितों के टकराव के नियम को लेकर पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा, ‘यह हितों का टकराव मेरे समझ से बाहर है. लेकिन एक खिलाड़ी के लिए हर चीज पर प्रतिबंध लगाना, मुझे नहीं पता कि हम और क्या कर सकते हैं.’

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