विवाद के बाद फिर शुरू हुआ आइसीपी अटारी पर भारत-पाक व्यापार

 इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) अटारी पर भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिनों से बंद पड़ा अंतरराष्ट्रीय कारोबार फिर शुरू हो गया है। लेबर और एजेंटों के बीच विवाद के चलते लेबर ने पिछले चार दिनों से हड़ताल कर रखी थी। कोई भी ट्रक लोड होकर आइसीपी अटारी से बाहर नहीं निकलने पर वहां के गोदाम पूरी तरह से भर गए थे और इसे देखते हुए इंडियन कस्टम ने पाक कस्टम से ट्रेड को कुछ समय के लिए बंद करने को कहा था।विवाद के बाद फिर शुरू हुआ आइसीपी अटारी पर भारत-पाक व्यापार

बता दें, आइसीपी अटारी पर काम करने वाले कारोबारियों के एजेंट, जो वहां सीएचए के तौर पर काम करते हैं के साथ लेबर की डाला वसूले जाने को लेकर विवाद था। एजेंटों द्वारा ट्रक चालकों से ली जाने वाली डाला राशि पर लेबर ने दावा करते हुए चार दिन पहले आइसीपी पर काम बंद कर दिया था। हालांकि इस दौरान कस्टम व लैंडपोर्ट अथॉरिटी अॉफ इंडिया के अधिकारियों ने सुलझाने के प्रयास किए मगर सफलता नहीं मिली। इसके बाद सांसद गुरजीत सिंह औजला भी आइसीपी पर पहुंच कर अधिकारियों, लेबर यूनियन के नेताओं और एजेंटों से मिले लेकिन यह मसला हल नहीं हुआ।

आइसीपी अटारी पर लेबर की हड़ताल की खबर गृह मंत्रालय तक पहुंची तो इस मसले का तुरंत समाधान निकाले जाने की हिदायतें गृह मंत्रालय ने दी। इसके बाद बीजेपी के राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री गुलजार सिंह रानिके ने कारोबारियों, अधिकारियों, लेबर यूनियन के नेताओं और एजेंटों के साथ बातचीत कर डाला राशि में से कुछ हिस्सा लेबर को दिए जाने पर बल दिया।

उन्होंने आइसीपी पर तैनात कस्टम उच्चाधिकारियों, सेंट्रल वेयर हाउस के अधिकारियों, व्यापारी मोहित खन्ना, व्यापारी मानव तनेजा, व्यापारी दलीप सिंह, विक्रांत व वीएसबी कंपनी के मालिक साजन बेदी के हुई बातचीत के बाद लेबर यूनियन की मांग को स्वीकार करते हुए सीमेंट के ट्रक पर 150 रुपये, जबकि ड्राई फ्रूट के ट्रक पर 250 रुपये देना मान लिया।

Back to top button