विराट कोहली ने किया खुलासा, वनडे में नहीं सुलझी है टीम इंडिया की यह समस्या

 ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया की ऐतिहासिक वनडे सीरीज जीत के बाद कप्तान विराट कोहली ने टीम की आगामी मई में होने वाले आईसीसी वनडे वर्ल्डकप की तैयारिय़ों के बारे में बात की. विराट ने इस वनडे सीरीज से जुड़ी टीम की उन कमियों के बारे में खुलकर बात की जो जिससे टीम इस सीरीज में उबर नहीं सकी. इसमें विराट ने सबसे  ज्यादा जोर  बल्लेबाजी क्रम में चौथे नंबर के बल्लेबाज पर दिया जहां अंबाती रायडू इस सीरीज में असफल  रहे.

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने शुक्रवार को कहा कि बल्लेबाजी क्रम में चौथे नंबर को मजबूत बनाने की जरूरत है जबकि कुछ महीने पहले तक वह इस साल होने वाले विश्व कप के लिये अंबाती रायुडू को इस क्रम के लिये उपयुक्त बता रहे थे. कोहली ने कहा कि चौथे नंबर पर काफी प्रयोग हो चुके हैं. एडीलेड में बल्लेबाजी क्रम आदर्श था जिसमें रायुडू चौथे नंबर पर उतरे थे लेकिन वह टीम संयोजन में प्रयोग करते रहेंगे जब तक कोई चौथे नंबर पर जिम्मेदारी नहीं ले लेता.
पहले रायडू की पैरवी की थी विराट ने
कोहली ने ऑस्ट्रेलिया पर वनडे सीरीज में मिली जीत के बाद कहा, ‘‘पिछला मैच देखें तो अंबाती रायुडू चौथे नंबर पर उतरे, धोनी पांचवें और दिनेश कार्तिक छठे नंबर पर क्योंकि हमने विजय शंकर और केदार जाधव को उतारा. हम कार्तिक की जगह बदलना नहीं चाहते क्योंकि वह अच्छा खेल रहा है.’’ कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले साल घरेलू सीरीज में रायुडू को चौथे नंबर पर उतारने की पैरवी की थी. उन्होंने आज कहा, ‘‘एडीलेड में बीच के ओवरों में कोई परेशानी नहीं हुई और क्रम काफी संतुलित लगा. लेकिन चौथे नंबर को हमें और मजबूत बनाने की जरूरत है. जो भी इस नंबर पर उतरेगा, उसे विश्व कप तक जिम्मेदारी लेनी होगी.’’

टीम अच्छी हो तो ही कप्तान अच्छा 
कप्तानी के बारे में उन्होंने कहा कि टीम अच्छी होती है तो कप्तान भी अच्छा होता है. उन्होंने कहा, ‘‘कप्तानी व्यक्तिगत नियंत्रण की बात नहीं है. टीम अच्छी है तो कप्तान भी अच्छा होता है. मैने टेस्ट सीरीज के बाद भी यह कहा था. श्रेय हर किसी को जाता है क्योंकि सभी ने इसमें योगदान दिया है. हम ऑस्ट्रेलिया से हारे बिना जा रहे हैं और हमारे लिये यह यादगार दौरा रहा.’’
कोहली ने जीत के लिये सहयोगी स्टाफ को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, ‘‘पूरे स्टाफ का इसमें योगदान रहा. रवि शास्त्री ने रणनीति बनाने और खिलाड़ियों का मनोबल बढाने में मदद की. भरत अरूण ने गेंदबाजों और संजय बांगड़ ने बल्लेबाजों पर मेहनत की. यह सामूहिक प्रयास था.’’

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