वियतनाम के दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कहा- 2000 साल पुराना है दोनो देशों का रिश्ता

वियतनाम की तीन दिवसीय यात्रा पर गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आज नेशनल असेंबली हाउस की अध्यक्ष गुयेन थी किम नगन ने स्वागत किया। उसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय नायकों और शहीदों के स्मारक पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति कोविंद ने असेंबली हाउस को संबोधित करते हुए कहा कि लगभग 2,000 साल पहले चाम साम्राज्य ने इतिहास की महान सभ्यताओं में से एक का प्रतीक किया। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन वियतनाम ने दक्षिण भारत के पल्लव और चोल साम्राज्यों के साथ व्यापारिक संबंधों का विकास किया था। संबोधन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वियतनाम के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को हनोई में उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को वियतनाम स्थित ‘माई सन मंदिर’ देखने गए। इस मंदिर पर हिन्दू प्रभाव है और यहां कृष्ण, विष्णु तथा शिव की मूर्तियां हैं। वियतनाम की तीन दिवसीय यात्रा पर आए राष्ट्रपति कोविंद ने अपनी यात्रा के यादगार के रूप में मंदिर परिसर में एक पौधा भी लगाया। वियतनाम में ‘माई सन’ परित्यक्त और आंशिक रूप से ध्वस्त हिन्दू मंदिर हैं। 

इनका निर्माण चम्पा के राजाओं ने चौथी से 14वीं शताब्दी के बीच कराया था। मंदिर परिसर मध्य वियतनाम के क्वांग नाम प्रांत के दुय फू गांव के पास स्थित है। मंदिर परिसर करीब दो किलोमीटर लंबी-चौड़ी घाटी में स्थित है जो दो पहाड़ों से घिरा हुआ है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया है, ‘‘राष्ट्रपति कोविंद ने वियतनाम में ‘माई सन टेंपल’ की यात्रा की। वह चम्पा राज्य की राजनीतिक और सांस्कृतिक राजधानी थी। मंदिर परिसर पर भारतीय प्रभाव है। वहां कृष्ण, विष्णु और शिव जैसे देवताओं की मूर्तियां हैं। उन्होंने अपनी यात्रा के यादगार के रूप में एक पौधा भी लगाया।’’ 

उन्होंने लिखा है, ‘‘सभ्यताओं का संगम। राष्ट्रपति कोविंद ने वियतनाम के दा नांग शहर में स्थित चाम संग्रहालय की कलाकृतियों की प्रशंसा की। चम्पा राज्य के शिल्प वहां प्रदर्शित किए गए हैं जिनपर हिन्दू धर्म का गहरा प्रभाव है।’’  कोविंद ने ‘माई सन मंदिर’ परिसर में आयोजित स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुत्फ लिया। राष्ट्रपति दो देशों की यात्रा के पहले चरण में वियतनाम गए हैं। यहां से वह ऑस्ट्रेलिया जाएंगे।
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