विधानसभा में आम को लेकर ‘राजनीति’ राबड़ी ने कसा तंज तो जदयू ने दिया जवाब, जानिए वजह

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा में आम को लेकर राजनीति चरम पर रही। सत्ता पक्ष और विपक्ष में आम को लेकर बयानबाजी तेज हुई। राबड़ी देवी ने कहा कि भाजपा-जदयू के लोग ही आम खाएं, उन्हें गरीबों की हाय लगेगी। इसपर जदयू नेता श्याम रजक ने कहा कि ये तो पर्यावरण संरक्षण की सरकार की पहल है।

दरअसल,बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा बुधवार को विधान सभा मे सभी विधायकों को आम और आम का पौधा दिया गया, जिसे लेने से राजद विधायकों ने मना कर दिया और तंज कसा कि एक तरफ एईएस से बच्चों की मौत हो रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकार आम बांट रही है। ये तो संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। हम एेसा आम नहीं लेंगे।

सदन में आम बांटने के मामले पर राजद नेता राबड़ी देवी ने कहा कि जदयू और बीजेपी वाले ही आम खाएं। उनलोगों को गरीबों की आह लगेगी। राबड़ी ने बुधवार को एक बार फिर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का इस्तीफा मांगा। कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने हलफनामा दायर किया है उससे कई चीजें उजागर हुई हैं। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।

इसपर राज्य के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि एईएस से पीड़ित बच्चों के घर आम और आम का पौधा भेजा जाएगा। सरकार15 दिनों के अंदर सभी पीड़ितों के घर टीम भेजेगी जो आम और आम के पौधे देकर आएगा।

राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने सरकार के इस कदम पर तंज कसा और कहा कि एक तरफ एईएस से सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई है और वही दूसरी तरफ सरकार आम बंटवा रही है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हम इस आम और आम के पेड़ को नही स्वीकारेंगे।

इधर कांग्रेस विधायक शकील खान ने भी आम को लेकर जताई आपत्ति। शकील अहमद खान ने कहा कि हमारी पार्टी जो तय करेगी मैं वही करूंगा। इसके साथ ही उन्होंने चमकी बुखार से बच्चों के मौत पर कहा कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बच्चो की मौत पर अपनी जिम्मेवारी लेते हुए अपने मंत्री पद से इस्तीफा दें।

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