विदेशों में भारतीय दो युवक लापता, दो की हादसे में मौत, एक ने जान दी
घरवालों का कहना है कि एजेंट ने उन्हें कहा था कि वे पांच दिन में अमेरिका पहुंच जाएंगे पर चार माह बाद भी वह वहां नहीं पहुंचे। गांव परीका के सर्बजीत सिंह की माता सतपाल कौर के मुताबिक ट्रेवल एजेंट ने उनसे कहा था कि 35 लाख रुपये में वर्क परमिट पर वह पांच दिन में उनके बेटे को अमेरिका भेज देगा । इस पर उन्होंने एजेंट के कहने पर कर्ज लेकर उसे 12 लाख रुपये एडवांस दे दिए। आखिरी बार 2 अगस्त को उनकी उनके बेटे से बात हुई थी। उसके बाद के बाद उसका कोई फोन नहीं आया।
जब उन्होंने एजेंट से इसके बारे पूछा तो वह भी इस बारे कोई जानकारी उनको नहीं दे रहा है। उधर गांव अब्दुल्लापुर के इंद्रजीत की माता सुखविंदर कौर और उसके चाचा गुरविंदर सिंह ने भी बताया कि उन्होंने 12 लाख एजेंट को दे दिए। इसके बाद 27 मई को सर्बजीत व इंद्रजीत दोनों उक्त एजेंट के साथ दिल्ली चले गए, जहां से 11 जून को एजेंट ने उन्हें मॉस्को भेज दिया। दो अगस्त तक उसने बात होती रही। इसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। दोनों परिवारों ने विदेश मंत्री से गुहार लगाई है कि उनके बेटों की तलाश कर उन्हें वापस लाया जाए।
सुखबीर के पिता जरनैल सिंह की पहले ही कैंसर से मौत हो चुकी है। मृतक सुखबीर सिंह करीब साढ़े तीन साल पहले कनाडा के विनिपेग गया था। उसका एक साल पहले ही विवाह हुआ था और करीब 17 दिन पहले ही उसके घर बेटे ने जन्म लिया। वह अपनी पत्नी के कागज पत्र तैयार करवा चुका था और पत्नी को कनाडा लेकर आने वाला था। उसकी मौत की खबर से घर में बेटे के जन्म की खुशी का माहौल मातम में बदल गया।
मृतक की पत्नी रमनदीप कौर पति के पास कनाडा जाने के आंखों में सपने लिए बैठी थी। उसकी माता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पीड़ित परिवार का विलाप झेला नहीं जा रहा। रमनदीप कौर ने करीब 17 दिन पहले ही चांद जैसे बेटे को जन्म दिया और घर में खुशियों के माहौल से नौजवान की मौत की खबर आ गई। पीड़ित परिवार सुखबीर के अंतिम रस्म के लिए तरस रहा है।
गुरप्रीत के साथ बहरीन में काम करने वाले युवकों ने सोशल मीडिया पर शेयर किए वीडियो में लोगों से अपील की है कि वह इस कंपनी में काम करने के लिए न आएं, क्योंकि यहां जबरदस्ती 10 से 12 घंटे काम लिया जाता है। सिंघपुर गांव में मृतक गुरप्रीत सिंह के परिजनों व दोस्तों के अनुसार गुरप्रीत साढ़े 3 साल पहले बहरीन गया था।
घर में 12 नवंबर को बड़े भाई की शादी को लेकर वह बहुत खुश था। लेकिन नहीं पता कि उसने वहां पर खुदकुशी क्यों की। परिजनों के अनुसार बहरीन से गुरप्रीत के दोस्तों ने जानकारी दी कि 4 दिन पहले जब वह लोग ड्यूटी जाने के लिए तैयार हो रहे थे तो गुरप्रीत ने कहा कि वह ड्यूटी नहीं जाएगा।
जब वह लोग लौटकर आए तो देखा कि गुरप्रीत कमरे में लगे पंखे से लटका है। परिजनों के अनुसार गुरप्रीत सिंह का शव गांव लाने के लिए वह प्रयास में लगे हैं, ताकि उसका संस्कार गांव में हो सके।