वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर बोला हमला, महागठबंधन पर बोली ये बात

बीमारी के कारण इलाज के लिए विदेश यात्रा पर गए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज एक ब्लॉग लिखकर विपक्ष पर खूब हमला किया और कहा कि यह गठबंधन केवल उन अवसरवादी लोगों का गठबंधन है जो चुनावी गणित का लाभ लेने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष केवल दो मुद्दों पर काम कर रहा है- एक तो वह नकारात्मक मोदी प्रचार में जुटा हुआ है, दूसरा- वह चुनावी गणित का लाभ लेकर अपने लिए कुछ लाभ लेने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने लिखा कि नकारात्मक प्रचार केवल तभी काम करता है जब जनता सत्ताधारी दल के खिलाफ हो गई हो। ऐसे में लोग सत्ता को हटाने के लिए किसी को भी वोट कर देते हैं। लेकिन अगर ऐसा कुछ होता तो यह महागठबंधन बनाने की कोई जरुरत न पड़ती। इसी से साफ हो जाता है कि भाजपा का नेतृत्व लोकप्रियता के शिखर पर है।
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अरुण जेटली ने कहा कि इस महागठबंधन में राहुल गांधी, मायावती और केसी आर जैसे लोग शामिल नहीं थे। इससे साफ होता है कि महागठबंधन जमीन पर आकार नहीं लेने जा रहा है। अगर ऐसा होता भी है तो महागठबंधन में शामिल ज्यादातर नेता खुद को मोदी की जगह ड्राइवर की सीट पर देखना चाहते हैं जबकि वे कांग्रेस के लिए पिछली सीट पर बैठने की जगह दे रहे हैं। जेटली के मुताबिक आगामी चुनाव में ज्यादातर राज्यों में त्रिकोणीय लड़ाई होने के आसार बन रहे हैं। भाजपा और एनडीए को चुनाव में पचास फीसदी से अधिक वोटों को हासिल करने की रणनीति पर काम करना चाहिए।
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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई में लगभग डेढ़ दर्जन पार्टियों की हुई बड़ी रैली पर अरुण जेटली ने करारा प्रहार किया है। उन्होंने इसे डरे हुए नेताओं का अवसरवादी गठबंधन करार दिया और कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता के बीच वाकई अलोकप्रिय हो गए हैं तो इस महागठबंधन की जरुरत क्यों पड़ती है।
जेटली के मुताबिक किसी चुनाव में नकारात्मक चुनाव प्रचार को कभी सफलता नहीं मिली। 1971 में इसी तरह विपक्ष ने सरकार के खिलाफ केवल सत्ताधारी दल को हटाने की राजनीति की थी, लेकिन विपक्ष इसमें बुरी तरह हार गया। उन्होंने पूछा है कि क्या इतिहास खुद को दोहराने जा रहा है और 2019 में 1971 की तरह का परिणाम आएगा।

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