विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति से ही मानव जाति का उत्थान सम्भव : राज्य सूचना आयुक्त

सीएमएस में अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलम्पियाड ‘क्वान्टा-2018’ का भव्य उद्घाटन

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, चौक कैम्पस द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलम्पियाड ‘क्वान्टा-2018’ का भव्य उद्घाटन आज सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में हुआ। मुख्य अतिथि श्री पारस नाथ गुप्ता, राज्य सूचना आयुक्त, ने दीप प्रज्वलित कर क्वान्टा-2018 का विधिवत् उद्घाटन किया। इस भव्य समारोह में ब्राजील, फिनलैण्ड, जर्मनी, जार्डन, लेबनान, मलेशिया, नेपाल, रूस एवं भारत के विभिन्न प्रान्तों से पधारे लगभग 700 प्रतिभागी छात्रों व विशेषज्ञों की उपस्थिति ने एकता, भाईचारे से ओत-प्रोत एक लघु विश्व का अनूठा दृश्य प्रस्तुत किया। समारोह में सी.एम.एस. छात्रों ने देश-विदेश से पधारे बाल वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों व प्रख्यात शिक्षाविदों के सम्मान में रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों का ऐसा समाँ बाँधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये और तालियों की गड़गड़ाहट से सारा ऑडिटोरियम गूंज उठा। विदेशों से पधारे मेहमान भी इन छात्र-छात्राओं की कलात्मक प्रतिभा देखकर गदगद हो उठे। समारोह का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शान्ति प्रार्थना से हुआ तथापि वर्ल्ड पार्लियामेन्ट के प्रस्तुतीकरण द्वारा छात्रों ने विश्व की जटिल समस्याओं पर विचार-विमर्श किया व इनके समाधान भी बताये।

उद्घाटन समारोह में देश-विदेश से पधारे बाल वैज्ञानिकों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि पारस नाथ गुप्ता, राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति से ही मानव जाति का उत्थान सम्भव है। यदि हमें अपने जीवन में गुणवत्ता लानी है तो निश्चित रूप से विज्ञान और तकनीक का सहारा लेना होगा। किन्तु यह भी आवश्यक है कि विज्ञान का उपयोग मानवता के विकास के लिए हो, इसके लिए अच्छे विचार वाले वैज्ञानिकों और आविष्कारकों की जरूरत है। उन्होंने समारोह की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह ओलम्पियाड छात्रों की प्रतिभा को निखारने का अनूठा प्रयास है।

इससे पहले ‘क्वान्टा-2018’ में प्रतिभाग हेतु पधारे विभिन्न देशों के छात्र आज अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से मिले और दिल खोलकर अपने विचार रखे। प्रेस कान्फ्रेन्स में अपने विचार व्यक्त करते हुए कालेजियो आब्जेटियो जुजेरो, ब्राजील से पधारे छात्रों ने कहा कि विज्ञान का उपयोग मानवता के पक्ष में होना चाहिए और ‘क्वान्टा-2018’ इस तरह के विचार पैदा करने का सर्वोत्तम अन्तर्राष्ट्रीय मंच है। जुबली स्कूल, जार्डन से पधारे छात्रों ने कहा कि विश्व के सभी वैज्ञानिकों को चिंतन व मनन करना चाहिए कि हम विज्ञान का उपयोग कैसे, किस प्रकार और क्यों करें, जिससे कि मानवता फलती-फूलती रहे। सेंट जोसेफ हायर सेकेण्डरी स्कूल, बांग्लादेश से पधारे छात्रों का कहना था कि सोच में बदलाव आना चाहिये जिससे कि पूरे विश्व में शान्ति की स्थापना हो सके। श्री कुआलालम्पुर इण्टरनेशनल स्कूल, मलेशिया के छात्रों का कहना था कि इसी तरह के वैज्ञानिक समारोह होने चाहिए, जिससे सभी छात्र मानवता की भलाई के लिए कार्य कर सकें। स्टूडेन्ट रिसर्च सेन्टर, जर्मनी से पधारे छात्रों ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से छात्रों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है। इसी प्रकार फिनलैण्ड, लेबनान, नेपाल, रूस एवं भारत के विभिन्न प्रान्तों से पधारे छात्रों ने भी अपने विचार रखे।

इस अवसर पर क्वान्टा-2018 की सचिव व सी.एम.एस. चौक कैम्पस की प्रधानाचार्या अदिति शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व समाज की प्रगति की उज्जवल सम्भावनायें हैं एवं विश्व समाज को भावी वैज्ञानिकों से भारी आशायें है। उन्होंने बताया कि क्वान्टा-2018 के अन्तर्गत देश-विदेश के छात्रों के लिए डिबेट (वाद-विवाद), आब्स्टेकल रोबोट रेस, एक्टा-मैथमेटिका (मैथमेटिक्स क्विज), मेन्टल एबिलिटी टेस्ट, साइंस क्विज एवं अक्वा चैलेन्ज (वाटर क्राफ्ट रेस) आदि रोचक प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं जो कि युवा पीढ़ी का विश्वव्यापी वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में मददगर साबित होंगी। प्रख्यात शिक्षाविद व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों के लिए इस तरह के ओलम्पियाड को आयोजित करने से भावी पीढ़़ी को विभिन्न देशों के ज्ञान-विज्ञान, संस्कृति, सभ्यता आदि से परिचित कराने का अवसर मिलता है। साथ ही देश-विदेश के छात्रों बीच विभिन्न प्रकार की प्रतियोगितायें आयोजित करने से ज्ञान-विज्ञान के आपसी आदान-प्रदान से निकट भविष्य में विश्व शान्ति एवं विश्व एकता स्थापित करने में सहायता मिलेगी।

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