लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्वांचल की सीटों पर JDU की पैनी नजर
एनडीए के सहयोगी दलों में भाजपा से अधिक से अधिक सीटें हासिल करने की मानो होड़-सी शुरू हो गई है। अपना दल एवं सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के बाद अब जनता दल यूनाइटेड ने भी बिहार से लगी सीमावर्ती संसदीय सीटों पर नजरें गड़ानी शुरू कर दी है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि पूर्वांचल की दो महत्वपूर्ण सीटे जिसमें एक मुस्लिम बहुल एवं एक सुरक्षित सीट है पर जदयू की नजर है।
पार्टी मानती है कि बिहार से प्रभावित इन दोनों सीटों पर वह भाजपा से कहीं बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। जानकारों की मानें तो जदयू की प्रदेश इकाई की रिपोर्ट पर पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भाजपा नेतृत्व से इस बारे में बातचीत भी शुरू कर दी है। जदयू के एक पूर्व सांसद कहते हैं कि बिहार के बाद पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में हम पूरी तैयारी के साथ जम चुके हैं। इसलिए विरोधियों को पछाड़ने और अपनी स्थिति नम्बर एक करने में हमें न तो बहुत अधिक समय लगेगा और न ही बहुत ज्यादा मेहनत ही करनी पड़ेगी। कहा, हम यूपी में संगठन को दिन-प्रतिदिन मजबूत बनाते जा रहे हैं। पार्टी की मजबूत स्थिति को देखते हुए ही हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व ने भाजपा आलाकमान से इस बारे में बातचीत शुरू की है।
वहीं, जदयू के यूपी इकाई के प्रदेश अध्यक्ष आरपी चौधरी तो अपनी पार्टी के पूर्व सांसद से दो कदम आगे की बात करने से नहीं चूक रहे। वह दावा करते हैं कि यूपी के 45 जिलों में जदयू का मजबूत जनाधार है। तमाम जिलों में पार्टी का जनाधार तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में गठबंधन के इस युग में हम अपने सहयोगी दल से लड़-झगड़कर नहीं, बल्कि आपसी सामंजस्य से टिकट हासिल करेंगे। वैसे राजनीतिक सूत्रों की मानें तो भाजपा जानती है कि जदयू या फिर अन्य सहयोगी दलों का वैसे तो प्रदेश में कोई वजूद नहीं है, लेकिन पार्टी यह भी मानकर चल रही है कि जिन पार्टियों के साथ प्रदेश में भाजपा का अभी गठबंधन है, मसलन अपना दल एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, अगर इन दोनों की ओर से किसी सीट पर दावा प्रस्तुत किया जाता है तो उन्हें उनके बैनर तले अपने सहयोग से लड़ने नहीं देगी। अलबत्ता प्रदेश की एकमात्र सीट सलेमपुर में उनके प्रत्याशी को भाजपा के चिह्न पर जरूर लड़ा सकती है।