लोकसभा चुनाव को लेकर आजम खां पार्टी नेतृत्व और सहयोगी दलों से करेंगे चर्चा
सपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खां ने कहा है कि इन हालात में रामपुर में लोकसभा के चुनाव निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराया जाना संभव नहीं है। ऐसे में वह पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व और गठबंधन के सहयोगी दलों से इस बात को लेकर बात करेंगे कि आगामी लोकसभा चुनाव में रामपुर से प्रत्याशी उतारा जाए या नहीं।
आजम खां शुक्रवार को सपा कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रामपुर में उर्दू गेट को गिराकर कोई बहादुरी का काम नहीं किया गया है। उर्दू गेट छह तारीख को गिराई गई है। छह तारीख तो दिल तोड़ने वाला दिन है। आजम ने कहा कि हमने इस गेट का नाम उर्दू गेट इसलिए रखा था कि उर्दू आजादी की जुबान है। इस गेट को सिर्फ इसलिए गिरा दिया गया कि इसकी एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) नहीं है। एनओसी तो गांधी समाधि की नहीं है, जिला अस्पताल की नहीं, तारामंडल की नहीं है, नगरपालिका की नहीं, इन सबको भी गिरा दिया जाना चाहिए।
आजम ने कहा कि अगर गेट की ऊंचाई को लेकर किसी को एतराज था तो उसका वह हिस्सा तोड़ा जा सकता था जो बड़े वाहनों को निकलने में बाधक था। यहां तो गेट का नामो निशान मिटा दिया गया। भाजपा की सरकार ने कमजोरों को खासतौर पर मुसलमानों को टारगेट कर रखा है। रामपुर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, इसको लेकर कई मंसूबे पाले गए हैं। उनका मंसूबा यह है कि रामपुर में दंगा करा कर पूरे देश को यह संदेश दिया जाए कि हम जो कहते थे वही सही था।
आजम खां ने अधिकारियों को चुनौती दी कि वह मंत्री के कब्जे को खाली कराएं, पूर्व मंत्री के कब्जे को हटवाएं। सिर्फ मुसलमानों को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उर्दू गेट को इस तरह से नहीं गिराया जा सकता था, क्योंकि इसमें सीएनडीएस का पैसा लगा था, मेरी विधायक निधि का पैसा लगा था। सरकार का पैसा लगा था, यानि सरकार का मंसूबा गेट को बनवाने का था। उर्दू गेट को गिरवा कर नफरत का संदेश दिया गया है। अंत में उन्होंने कहा कि रामपुर में जो हालात हैं उसमें लोकसभा का चुनाव निष्पक्ष ढंग से संपन्न होने में संदेह है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिप्पणी से किया इंकार
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में मध्यस्थ नियुक्त करने पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां ने सीधे तौर से टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर तो कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं लेकिन उम्मीद जरूर कर सकते हैं कि जो कमजोर लोग हैं और जिनका इस मामले से सीधा संबंध हैं उन्हें शामिल किया जाए। आजम खां ने इशारों-इशारों में बिना किसी का नाम लिए कहा कि बीच में जो छोटे बड़े नाम आ गए हैं उनका इस बात से कोई लेन देना नहीं है, उन्हें तो सिर्फ शोहरत चाहिए।