लोकसभा चुनाव के एलान से कुछ देर पहले बसपा के 10 नेताओं ने थामा कांग्रेस का दामन

लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से कुछ देर पहले ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 10 निष्कासित नेता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। रविवार को बसपा के जो नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं उनमें से दो पूर्व राज्य अध्यक्ष और एक पूर्व सांसद भी हैं। उनमें से कुछ ने बसपा प्रमुख मायावती पर अलोकतांत्रिक तरीके से पार्टी चलाने का आरोप लगाया था।लोकसभा चुनाव के एलान से कुछ देर पहले बसपा के 10 नेताओं ने थामा कांग्रेस का दामन
बसपा का कहना है कि इन नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पहले ही निष्कासित कर दिया गया था। मध्यप्रदेश कांग्रेस का दावा है कि जो नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं उनमें बसपा के पूर्व राज्य अध्यक्ष प्रदीप अहीरवार और सत्यप्रकाश जाटव, देवदत्त सोनी, बाबूलाल पहलवान, रविंद्र पटेल, पोहप चौधरी, मंजू सर्रफ, कोमल प्रसाद, विनोद राय और रामसेवक दामले शामिल हैं।

मुख्यमंत्री कमलनाथ जोकि राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं वह उस कार्यक्रम में मौजूद थे जब उन्हें पार्टी की सदस्यता दी गई। इससे पहले बसपा नेता और पूर्व सांसद देवराज सिंह पटेल कांग्रेस में शामिल हुए थे। प्रदीप अहीरवार ने कहा, ‘पार्टी अध्यक्ष मायावती मध्यप्रदेश के किसी भी पार्टी पदाधिकारी को कोई महत्व नहीं देती हैं। वह उत्तर प्रदेश से भेजे गए केवल राज्य प्रभारी नेता के माध्यम से काम करती है और उसपर विश्वास करती हैं। यदि राज्य प्रभारी झूठ बोलता है तो वह उसे सच मान लेती हैं। पार्टी में कोई लोकतंत्र नहीं है।’

देवराज पटेल का कहना है, ‘मध्यप्रदेश में परिस्थिति काफी खराब हो गई है। पार्टी की अध्यक्ष मायावती के खराब फैसलों के कारण राज्य प्रभारी नेताओं के गलत सुझाव की वजह से समय-समय पर पार्टी का आधार घटता गया। 2009-2014 के दौरान मैं मध्यप्रदेश से अकेला सांसद था लेकिन फिर भी उनसे बात नहीं कर पाया। पार्टी में इस तरह की तानाशाही है।’ बसपा के वर्तमान अध्यक्ष द्वारका प्रसाद चौधरी ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है।

चौधरी ने कहा, ‘इन नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण इस साल जनवरी में निकाल दिया गया था।’ नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने पर रामजी गौतम ने कहा, ‘हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह किस पार्टी में शामिल हुए हैं। चूंकि वह बसपा में नहीं है इसलिए वह किसी भी पार्टी में शामिल होने के लिए स्वतंत्र हैं। इससे आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’

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