लोकलुभावन होगा अगला बजट, इन सुविधाओं पर बढ़ेगा बड़ा खर्च!

नई दिल्ली। मोदी सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने आखिरी पूर्ण बजट में सामाजिक क्षेत्र पर आवंटन बढ़ाकर लोकलुभावन रास्ता अख्तियार कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार आने वाले वर्षो में शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण ढांचागत सुविधाओं पर खर्च बढ़ाने पर जोर देगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि विकास के मोर्चे पर आज देश के समक्ष भौतिक और सामाजिक सुविधाओं में निवेश बढ़ाना प्रमुख चुनौती है।

लोकलुभावन होगा अगला बजट, इन सुविधाओं पर बढ़ेगा बड़ा खर्च!

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को ‘दिल्ली इकनॉमिक कान्क्लेव’ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के समक्ष विकास की जो चुनौतियां हैं उनमें भौतिक और सामाजिक सुविधाओं पर खर्च बढ़ाने की हैं। खासकर ग्रामीण भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में व्यापक निवेश की जरूरत है ताकि हम मानव संसाधन का समग्रता से दोहन कर सकें।

जेटली का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है कि वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट की तैयारियां शुरु हो गयी हैं। आगामी आम बजट मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा। 2019 में आम चुनाव से पूर्व सरकार लेखानुदान ही पेश करेगी। ऐसे में सरकार सामाजिक क्षेत्र का आवंटन बढ़ा सकती है। अब तक सरकार का जोर लंबित आर्थिक सुधारों को लागू करने पर रहा है। खासकर सरकार ने कालेधन पर नियंत्रण के लिए नोटबंदी जैसे कदम उठाए हैं। वहीं वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रूप में लंबित कर सुधारों को भी लागू किया है। ऐसे में अंतिम वर्ष में सरकार लोकलुभावन रुख अपना सकती है।

जेटली ने नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बाद कैश ट्रांजैक्शन करना मुश्किल हुआ है। इससे कर अनुपालन बेहतर होगा तथा कर आधार भी बढ़ेगा। सरकार ने शेल कंपनियों, घरेलू कालेधन और विदेश में जमा कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाए हैं। उन्होंने कहा कि देश में बड़ी तादाद में लेन-देन सिस्टम से बाहर हो रहे थे। यह एक आम बात बन गयी थी।

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को ऐतिहासिक निर्णय करते हुए 500 रुपये 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने का फैसला किया था। इसी तरह सरकार ने एक दशक से अधिक समय तक लंबित वस्तु एवं सेवा कर को एक जुलाई 2017 से लागू करने का काम किया है।

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