लखनऊ विश्वविद्यालय अब 24 जनवरी को जारी करेगा पीएचडी परिणाम

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा परिणाम अब एक सप्ताह के लिए के आगे बढ़ा दिया है। पीएचडी परिणाम जहां 19 जनवरी को जारी होना था। अब वह रिजल्ट एक सप्ताह के बाद 24 जनवरी को जारी होगा।
सीटों का ब्यौरा तैयार न होने के कारण टाला गया पीएचडी परिणाम
यह जानकारी विश्वविद्यालय के प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा ने दी। उन्होंने बताया कि 18 जनवरी तक सभी विभागों को डीआरसी पूरा कर सीटों का अंतिम जानकारी देनी थी, लेकिन ज्यादातर विभागों से अभी तक पीएचडी सीटों की जानकारी नहीं मिल सकी है। इसी कारण से पीएचडी प्रवेश परीक्षा परिणाम को एक सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।
फरवरी में अब शुरू होगी इंटरव्यू प्रक्रिया
लखनऊ विश्वविद्यालय के ओर से 22 जनवरी से 31 जनवरी के बीच में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया के अंतिम चरण की शुरुआत करनी थी। जिसके तहत सभी विभागों में पीएचडी सीटों के इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू होना था, लेकिन रिजल्ट विलम्ब होने के कारण अब पीएचडी का इंटरव्यू की प्रक्रिया अब फरवरी के पहले सप्ताह से शुरू होने की सं भावना है। ऐसे में सभी विभागों को एक बार फिर से इंटरव्यू के लिए पैनल बनाने के लिए नए सिरे से तैयारी करनी होगी।
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लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व में जारी प्रवेश कार्यक्रम के अनुसार विभागों ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में इंटरव्यू के पैनल में बाहरी शिक्षकों को शामिल करने के लिए उनको निमंत्रण तक भेजना शुरू कर दिया था। अब एक बार फिर से इंटरव्यू के तय कार्यक्रम में बदलाव होने से एचओडी को पैनल तैयार करने में काफी दिक्कतों का सामाना पड़ सकता है।
विभागों में पीएचडी सीटों के लिए चल रही है खींचतान
वहीं दूसरी ओर से विश्वविद्यालय के कई विभागों में पीएचडी सीटों के लिए खींचतान शुरू है। विश्वविद्यालय के ओर से ऑर्डिनेंस बनाते समय इस बार सीटों के निर्धारण की प्रक्रिया में कुछ बदलाव कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी विभागों के ओर से जानबूझकर नए मानकों के अनुसार सीटों का निर्धारण नहीं किया और अपने हिसाब से सीटों का ब्यौरा विश्वविद्यालय को भेज दिया। अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने नए ऑर्डिनेंस के अनुसार सीटें तय करने को कहा तो कई विभागों के प्रोफेसर इसके खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि कई विभागों में कई-कई सीनियर प्रोफेसर की सीटें तक हटा दिया गया है।
एजुकेशन विभाग में तीन शिक्षकों की सीटें जीरो
नए नियम के अनुसार जो शिक्षक अगले तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनको इस बार पीएचडी कराने का मौका नहीं मिलेगा। इस नियम के बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट में तीन सीनियर प्रोफेसर को पहले मिली करीब एक दर्जन के आस पास की सीटें कम कर दी गई है। वहीं कामर्स में पहले ही जीरो सीटें हो चुकी है। इसके एसेंट इंडियन हिस्ट्री और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन कोर्सेस में भी सीटें जीरो हो गई हैं। वहीं लॉ विभाग में जहां पहले 36 सीटें निर्धारित थी, वहां अब 24 सीटें ही बची हैं। इसी तरह सोशियोलॉजी में 9, मैथ्स में 19, साइकोलॉजी में 7, एजुकेशन में 14, एमआईएच में 2 सीटें नए नियम के तहत निर्धारित की गई हैं।
‘सीटों को नए नियम के अनुसार निर्धारित करने के लिए विभागों को पहले ही कहा गया था। इसके बाद भी वि भागों के ओर से अपने अनुसार सीटें तय की गई।’
प्रो. अनिल मिश्रा, प्रवेश समन्वयक, लखनऊ विश्वविद्यालय।

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