लखनऊ यूनिवर्सिटी अराजक छात्रों पर सख्त, शहर में किया बवाल तो होगी कार्रवाई

लखनऊ । लखनऊ यूनिवर्सिटी में अब उपद्रवी छात्रों पर कार्रवाई करने और उन पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपने कानून में बदलाव किया है। अभी तक यूनिवर्सिटी के जुड़ा कोई भी छात्र 16 किलोमीटर के दायर में बवाल करता था, पुलिस में उसका नाम आने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन उस पर कार्रवाई करता था। अब यूनिवर्सिटी ने इस दायरे को बढ़ाकर पूरा शहर कर दिया है यानि यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश सरकार के नियम के अनुसार जहां तक मान्यता प्रदान करती है।
अब सार्वजनिक स्थान  पर बवाल करने पर भी होगी कार्रवाई
यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रो. विनोद सिंह ने कहा कि अगर उस पूरी टेरिटरी में लखनऊ यूनिवर्सिटी से जुड़ा कोई छात्र उपद्रव, बवाल या हिंसा करता है। उस पर यूनिवर्सिटी प्रशासन के ओर से कार्रवाई की जाएगी। प्रो. विनोद सिंह ने बताया कि लगातार बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए हमने अपने नियमों और कार्रवाई करने के दायरे में विस्तार किया है। प्रॉक्टर प्रो. विनोद सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी से जुड़ा कोई भी छात्र राजधानी के किसी भी सार्वजनिक स्थान , दुकानों, पार्कों, महोत्सव पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे रेलवे, रोड ट्रासपोर्ट, मेट्रो आदि में बवाल करता है, उस पर पुलिस कार्रवाई में नाम आता है। यूनिवर्सिटी प्रशासन अब स्वत: ही उस छात्र पर अनुशासत्मक कार्रवाई करेगा। ऐसे छात्र को उसके अपराध के आधार पर निष्कासन तक की कार्रवाई किया जाएगा।
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प्रो. सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने बीते सालों में सभी यूनिवर्सिटी के मान्यता देने के क्षेत्र को तय कर दिया था, लेकिन जिसके अनुसार हमारी यूनिवर्सिटी के मान्यता कहां तक देंगे इसकी जद तय कर दिया गया है। प्रॉक्टर प्रो. विनोद सिंह ने बताया कि कुलपति प्रो. एसपी सिंह से चर्चा करने के बाद छात्रों पर कार्रवाई करने के जद को विस्तार कर मान्यता देने के क्षेत्र तक विस्तारित कर दिया है।
कॉलेजों में भी बवाल करने पर होगी कार्रवाई
प्रो. विनोद सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी के संबन्ध जितने भी डिग्री कॉलेज शामिल है, अगर यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले कोई भी छात्र इन कॉलेजों में जाकर कोई हिंसा या बवाल करता है। तो भी उस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि आए दिन यूनिवर्सिटी के छात्रों के परिसर के बाहर किसी न किसी घटना में शामिल होने के मामले प्रकाश में आते हैं; इसे न केवल यूनिवर्सिटी की छवि खराब होती है, बल्कि कई बार परिसर का माहौल भी बिगड़ता है। इन्हीं सभी समस्याओं से निपटने के लिए यह नियम लागू किया जा रहा है।

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