लखनऊ में प्रतियोगी परीक्षा केंद्र व्यवस्थापन के लिए पालीवाल समिति को मिली मंजूरी…

 अब अपना शहर छोड़कर गैर जनपद में प्रतियोगी परीक्षा देने जाने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। शासन के निर्देश पर सूबे में प्रतियोगी परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापन के लिए ‘पालीवाल समितिÓ को मंजूरी मिल गई है। यह परीक्षार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। समिति के अनुसार, अब समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बनाए जाने वाले केंद्र उस शहर के बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और नामचीन चौराहों के पांच किमी. की परिधि में होंगे। परीक्षार्थियों को केंद्र खोजने में दिक्कत न हो और वहां तक उन्हें आसानी से साधन उपलब्ध हो सके। डीआइओएस लखनऊ डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में यह व्यवस्था लागू की गई है।

चार कैटेगरी में बांटे गए केंद्र

जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि ए,बी,सी और डी चार कैटेगरी में केंद्रों का निर्धारण किया जाएगा। ए कैटेगरी में अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑन रोड वाले राजकीय कॉलेज, निजी इंजीनियरिंग कॉलेज, विश्वविद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और टॉप निजी कॉलेज शामिल होंगे। इसके बाद अन्य को बी, सी और डी कैटेगरी में रखा गया है। अगर परीक्षार्थी अधिक हैं तो फिर बी, सी और डी कैटेगरी के विद्यालयों में परीक्षार्थी शिफ्ट किए जाएंगे।

बीते जनवरी माह में रिपोर्ट के बाद कमेटी ने शुरू किया था काम 

बीते जनवरी माह में पालीवाल समिति की रिपोर्ट आई थी। इसके बाद जिलाधिकारी, एसएसपी, जिला विद्यालय निरीक्षक, उच्च एवं प्राविधिक शिक्षा के अधिकारी, सीबीएसई, आइसीएसई और यूपी बोर्ड के अधिकारियों की कमेटी का गठन किया था। इसके बाद विद्यालयों का चिन्हांकन और मूल्यांकन हुआ। फिर कमेटी ने लोक सेवा आयोग से मंजूरी ली। इसके बाद शासन ने कमेटी को सूबे में पालीवाल समिति को लागू करने के आदेश दिए।

शहर के टॉप स्कूल ही बन सकेंगे केंद्र, खत्म होगी मनमानी 

शहर के नामचीन विद्यालय, शिक्षण संस्थान ही अब केंद्र बन सकेंगे। इसके साथ ही पहले जो विद्यालय प्रबंधक अपने बूते सेटिंग करके केंद्र बनवा लेते थे उनकी मनमानी खत्म होगी।

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