फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दिल्ली रेप केस में पांच लोगों पर हत्या, गैंगरेप और मामलों में आरोप तय किए। इनमें से 11 मार्च 2013 को आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। रोहतक केस के एक आरोपी ने भी जहर निगलकर जान दी। दिल्ली रेप केस के चारों आरोपियों (नाबालिग को छोड़कर) को फांसी की सजा सुनाई गई थी। नाबालिग आरोपी को 31 अगस्त 2013 को तीन साल की सजा मिली थी। 14 सितम्बर 2013 को इस मामले के लिये विशेष तौर पर गठित त्वरित अदालत ने चारों वयस्क दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। रोहतक रेप केस के सभी आरोपियों (नाबालिग को छोड़कर) को फांसी की सजा सुनाई गई है। मामले में 21 दिसंबर 2015 को आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
मुख्य अंतर
दिल्ली रेप केस में फास्ट ट्रेक कोर्ट में आरोपियों को करीब 6 महीने बाद दोषी करार देकर सजा सुनाई थी, जबकि इसके मुकाबले में रोहतक रेप केस में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीमा सिंघल की अदालत ने 3 महीने से भी कम समय से आरोपियों को दोषी करार दे दिया। पीड़ित पक्ष के वकील प्रदीप मलिक ने बताया कि यह फैसला अपने आप में नजीर है। आजतक किसी मामले में इतनी जल्द सजा नहीं सुनाई गई। दिल्ली रेप केस के आरोप में 7 लोगों को नामजद किया गया था, जबकि रोहतक रेप केस में इससे भी ज्यादा आरोपी शामिल थे। मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया। दिल्ली रेपकेस सामने आने के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए, जबकि रोहतक रेप सामने आने के बाद हरियाणाभर में प्रदर्शन हुए।