रोडवेज की एक खटारा बस लखनऊ जाते हुए रास्ते में हुई खराब, यात्रियों ने जमकर किया हंगामा…

आयु सीमा पूरी कर चुकी खटारा बसों को लंबी दूरी पर दौड़ाने से रोडवेज अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं। हालात ऐसे हैं जो बस 50 किमी भी चलने लायक नहीं, उसे लखनऊ जैसी 650 किमी की दूरी पर भेजा जा रहा है। ऐसी ही एक खटारा बस लखनऊ जाते हुए मुरादाबाद में खराब हो गई और यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। बाद में परिचालक को यात्रियों को किराए के 21 हजार रुपये लौटाने पड़े। मामले में कर्मचारी यूनियन ने उन कार्यशाला कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने बस मार्ग पर भेजने की संस्तुति की थी।

उत्तराखंड परिवहन निगम में करीब 300 बसें अपनी आयु सीमा पूरी कर चुकी हैं। इतना ही नहीं बसें निर्धारित किलोमीटर से दोगुने किमी ज्यादा चल चुकी हैं, फिर भी इन्हें रूट पर दौड़ाया जा रहा। परिवहन निगम के मानक के तहत एक बस अधिकतम छह साल अथवा आठ लाख किमी तक चल सकती है। फिर बस की नीलामी का प्रावधान है, मगर उत्तराखंड परिवहन निगम ऐसा नहीं कर रहा।

इसी वजह से यात्रियों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ी। ग्रामीण डिपो की साधारण बस (यूके07पीए-2128) दून से लखनऊ जा रही थी। इस 52 सीटर बस में 62 यात्री सवार थे। यह बस रात करीब साढ़े नौ बजे मुरादाबाद के समीप खराब हो गई। चालक बिशनपाल व परिचालक नीरज चौधरी ने बस ठीक करने की कोशिश की, मगर बस स्टार्ट नहीं हुई।

रात में हाइवे पर यात्री परेशान भटकते रहे। गुस्साए यात्रियों ने जमकर हंगामा किया एवं किराया वापस ले लिया। एक यात्री योगेश गौड़ ने निगम महाप्रबंधक को फोन कर खरीखोटी सुनाई और मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात भी कही। वहीं, उत्तरांचल कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी व क्षेत्रीय मंत्री केपी सिंह ने यात्रियों को हुई परेशानी के लिए प्रबंधन और कार्यशाला के फोरमैन को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की है।

दिल्ली रूट से हटाई थी बस

बस 2128 अब तक दिल्ली रूट पर चल रही थी, लेकिन बार-बार खराबी आने पर इसे दिल्ली रूट से हटा दिया गया। हालात ये हैं कि बस का इंजेक्टर पाइप बेहद जर्जर हो चुका था और बार-बार इसे वेल्डिंग कर काम चलाया जा रहा था। गत 11 अक्टूबर को भी बस का पाइप वेल्डिंग हुआ था, पर बस को जांच के बगैर ही लखनऊ रूट पर भेज दिया गया।

बरसात में टपक रहा था पानी

उत्तराखंड रोडवेज की देहरादून से महज एक ही साधारण बस लखनऊ भेजी जाती है और शुरुआत से ही रोडवेज प्रबंधन इस रूट पर खटारा बस भेज रहा। गत जुलाई में बरसाती मौसम में बस से पानी टपकने की शिकायतें थी। गत 11 जुलाई को यात्रियों ने परिवहन निगम मुख्यालय को लखनऊ जाने वाली 3043 नंबर की बस की छत से पानी टपकने की शिकायत भी की थी। हालात ये थे कि यात्रियों को सीट से उठ खड़े होकर सफर करना पड़ा था और सामान तक भीग गया। इसके बाद भी प्रबंधन ने सबक नहीं लिया।

हटेंगी पुरानी बसें 

उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन के अनुसार, रोडवेज की 300 नई बसें आ रही हैं। इनमें 150 छोटी जबकि 150 बड़ी बसें हैं। बड़ी बसों के आते ही लंबी दूरी के समस्त मार्गों पर पुरानी बसें हटाकर नई बसें लगाई जाएंगी।

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