रिलायंस कैपिटल ने म्यूचुअल फंड कारोबार से किया किनारा

अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस कैपिटल (आरकैप) ने म्यूचुअल फंड कारोबार से खुद को अलग कर लिया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को बताया कि अपनी पूरी हिस्सेदारी संयुक्त उद्यम भागीदार निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस को बेचकर इस कारोबार से बाहर आ गई है।
रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (आरनाम) में अनिल अंबानी की रिलायंस और जापानी कंपनी निप्पॉन की 42.88 फीसदी की बराबर हिस्सेदारी थी, जबकि शेष भाग में जनता की हिस्सेदारी है। 

आरकैप ने बताया कि उसने निश्चित बाध्यकारी समझौते के तहत अपने हिस्से के 42.88 फीसदी शेयर निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को बेच दिया है। हिस्सेदारी खरीदने के तत्काल बाद निप्पॉन लाइफ ने ओपन ऑफर के जरिये आम निवेशकों से आरनाम के शेयर 230 रुपये के भाव में खरीदने की पेशकश की है।

यह कदम कंपनियों के पास अधिकतम 75 फीसदी हिस्सेदारी रखने के सेबी के नियमों के अनुपालन के लिए उठाया गया है, क्योंकि आरनाम के शेयर खरीदने के बाद निप्पॉन की हिस्सेदारी इससे ज्यादा हो गई थी। निप्पॉन को बेचे गए शेयरों के ट्रांजेक्शन मूल्य में 15.5 फीसदी का प्रीमियम भी शामिल है, जो सेबी के नियमानुसार 60 दिन के लिए दिया गया है। 

कर्ज घटाने में मिलेगी मदद

आरकैप ने बताया कि उसे हिस्सेदारी बेचने पर निप्पॉन की ओर से करीब 6 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे। इस बिक्री के लिए प्रति शेयर 230 रुपये का भाव रखा गया है और इसी कीमत पर आम निवेशकों को भी शेयर खरीदने की पेशकश की गई है। बिक्री से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल कंपनी अपने कर्ज को पाटने में करेगी। इस राशि से कंपनी करीब 33 फीसदी बकाया का भुगतान करने में सक्षम हो सकती है। 

”हमारे पुराने और महत्वपूर्ण भागीदार निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस ने आरनाम में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 75 फीसदी कर ली है। आरनाम में अपनी हिस्सेदारी बेचना हमारी रणनीति का हिस्सा है। अन्य सौदों के साथ इससे मिलने वाली राशि से चालू वित्त वर्ष में हम अपना कर्ज 50 फीसदी तक घटा सकेंगे।”

 

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