राहुल के बयान पर नायडू का पलटवार, कहा – PM को गधा कह दिया और कितनी आजादी चाहिए

दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में हुई हिंसा और करगिल शहीद की बेटी गुरमेहर कौर द्वारा सोशल मीडिया पर एबीवीपी के खिलाफ की गई कैंपेनिंग से राजनीति माहौल भी गरमा गई है। एक तरफ जहां सरकार के मंत्रियों ने ये सवाल उठाए कि शहीद की बेटी गुरमेहर का दिमाग कौन खराब कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी ने गुरमेहर का समर्थन किया है।

अखिलेश-राहुल ने जमकर कसा तंज, कहा मोदी PM नहीं एक्टर हैराहुल के बयान पर नायडू का पलटवार, कहा – PM को गधा कह दिया और कितनी आजादी चाहिए

सबसे बड़ा खुलासा, अपने ही दे रहे धोखा, इसलिए जा रही देश के जवानों की जान

राहुल गांधी के समर्थन वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि कोई भारत में रहकर जम्मू-कश्मीर और बस्तर की आजादी की मांग कैसे कर सकता है। नायडू ने कहा कि वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन इस तरह अलगाववादियों की तरह बात करने वालों का समर्थन कहां तक जायज है। मंत्री ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर कहा, भारत में पीएम को नाम से बुलाया जाता है, गधा बोला जाता है और कितनी अभिव्यक्ति की आजादी चाहिए।

बता दें कि राहुल गांधी ने गुरमेहर के समर्थन में ट्वीट करके कहा था, ‘डर की तानाशाही के खिलाफ हम अपने छात्रों के साथ हैं। गुस्‍से, असहिष्‍णुता और ज़हालत में उठी हर आवाज के लिए एक गुरमेहर कौर होगी।’ अब इस पूरे मामले में गुरमेहर केंद्र बन गई है। दरअसल, रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के खिलाफ उन्‍होंने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर एक तख्‍ती के साथ अपनी फोटो पोस्‍ट की थी, जिसमें लिखा था, ‘मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं। मैं एबीवीपी से नहीं डरती। मैं अकेली नहीं हूं। भारत का हर छात्र मेरे साथ है। हैशटैग स्टूडेंट्स अगेंस्ट एबीवीपी।’

वहीं सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजजू ने ट्वीट करके कहा था, ‘वे कौन लोग हैं जो इस युवा लड़की की मानसिकता को दूषित कर रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में सामर्थ्य रखने वाला देश दुश्मन से नहीं बल्कि इन हरकतों से हारता है।’

गौरतलब है कि रामजस कॉलेज में हिंसा के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्रा गुरमेहर कौर ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा था, ‘एबीवीपी द्वारा निर्दोष छात्रों पर किया गया निर्मम हमला परेशान करने वाला है और इसे रोका जाना चाहिए। यह हमला प्रदर्शनकारियों पर नहीं था बल्कि यह लोकतंत्र की हर उस धारणा पर हमला था, जो हर भारतीय के दिल के करीब है। यह आदर्शों, नैतिक मूल्यों, स्वतंत्रता और इस देश में जन्मे हर व्यक्ति के अधिकारों पर किया गया हमला था।’ साथ ही गुरमेहर ने लिखा, ‘जो पत्थर तुम फेंकते हो, वह हमारे शरीरों को चोट पहुंचाते हैं लेकिन ये हमारे आदर्शों को चोट नहीं पहुंचा सकते। यह प्रोफाइल तस्वीर डर और निरंकुशता के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का मेरा अपना तरीका है।’

 
Back to top button