राहुल को नहीं चाहिए केजरीवाल का साथ, जानिए इस पर ममता, नायडू व पवार की राय

दिल्ली में लोकसभा की सातों सीटों के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाएं खत्म होती जा रही हैं। सातों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी शिकस्त देने की रणनीति के तहत AAP-कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाधी ने इसके लिए मना कर दिया है।राहुल को नहीं चाहिए केजरीवाल का साथ, जानिए इस पर ममता, नायडू व पवार की राय

कांग्रेस का मानना है कि दिल्ली में भले ही भाजपा जीत जाए, लेकिन उसका एकमात्र उद्देश्य AAP को हराना है। राहुल को लगता है कि आम आदमी पार्टी की 49 दिनों की सरकार को समर्थन देना गलत कदम था। इसी का नतीजा है कि दिल्ली में कांग्रेस साफ हो गई और AAP 67 सीटें जीतने में कामयाब हो गई।

कांग्रेस का ये भी मानना है कि ये सच है कि उनकी पार्टी दिल्ली में एक भी सीट पर भाजपा को हराने में सक्षम नहीं है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद गरीबों के कल्याण के लिए बहुत काम किए हैं।

दिल्ली के लोगों में केजरीवाल बहुत लोकप्रिय हैं, इसलिए फिलहाल दिल्ली में आम आदमी पार्टी को किसी भी तरह हराना जरूरी है, भले ही भाजपा यहा लोकसभा की सातों सीटें फिर से जीत जाए।

ममता, नायडू और पवार भी चाहते हैं गठबंधन
सूत्रों का कहना है कि मोदी-शाह की जोड़ी को सत्ता से हटाने की कसम खा चुके आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एनसीपी नेता शरद पवार भी इस कोशिश में लगे हैं कि दिल्ली में AAP-कांग्रेस का गठबंधन हो जाए। इसको लेकर ये तीनों राहुल गाधी से बात भी कर चुके हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस बाबत AAP नेता संजय सिंह की कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल से कई बार मुलाकात और बातचीत हुई है। आजाद और अहमद पटेल व्यक्तिगत तौर पर गठबंधन के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाधी ही इसके लिए तैयार नहीं हैं।

आम आदमी पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता का कहना है कि देशहित में हम कांग्रेस के साथ गठबंधन चाहते हैं। मोदी-शाह की जोड़ी ने इस देश को बर्बाद कर दिया है। देश बचाने के लिए हम गठबंधन की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब हमने ठान लिया है कि चाहे अकेले लड़ना पड़े, हम भाजपा को दिल्ली की सभी सातों सीटों पर हराएंगे। हम लोग दिल्ली में घर-घर जाकर लोगों को समझाएंगे कि मोदी-शाह की जोड़ी को हटाना देश के लिए क्यों जरूरी है?
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