राजौरी धमाके में शहीद मेजर का पार्थिव शरीर पहुंचा घर, श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़

नेहरू कॉलोनी निवासी पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट के छोटे बेटे मेजर चित्रेश बिष्ट शनिवार को नौसेरा सेक्टर में शहीद हो गए थे। आज उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा।

इससे पहले शहीद के नेहरू कॉलोनी आवास पर पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों भारी हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान शहीद चित्रेश अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगते रहे। अब सोमवार को सुबह 8:30 बजे शहीद का पार्थिव शरीर उनके आवास पर लाया गया। श्रद्धांजलि देने के बाद हरिद्वार में शहीद का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी आवास पर पहुंच कर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। घर के करीब पांच सौ मीटर तक लोग हाथ में शहीद की तस्वीर लिए उनके सम्मान में नारे लगाते रहे। इस दौरान पुलिस और सेना के अधिकारियों ने भी शहीद को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इस दौरान लगातार पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगते रहे। इसके बाद सेना के वाहन में उनकी अंतिम यात्रा शहर में निकली। अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

चित्रेश की सात मार्च को शादी होनी थी, जिसके लिए उन्होंने पिता से 28 फरवरी को छुट्टी आने का वादा किया था। परिवार और रिश्तेदार के लोग अपनी अपनी पसंद के कपड़े और चीजें खरीदने में व्यस्त थे, मगर चित्रेश शादी में मां को अपनी पसंद की साड़ी में देखना चाहते थे।

2010 में भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट हुए थे मेजर

उन्होंने मां से कहा था, मां सरहद से लौटकर तुम्हारे लिए अपनी पसंद की साड़ी लेकर आऊंगा, वही साड़ी तुम मेरी शादी में पहनना। बेटे के शहीद होने की खबर के बाद मां रेखा बिष्ट अब उसके इस वादे को याद कर ही रो रही हैं। 

देश पर जान न्यौछावर करने वाले शहीद मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर रविवार को सुबह करीब 11:30 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा। यहां से हेलीकॉप्टर से गढ़ी कैंट स्थित जीटीसी हैलीपैड लाया गया। पार्थिव शरीर को मिलिट्री हॉस्पिटल में रखा गया है। चित्रेश के बड़े भाई नीरज बिष्ट भी रविवार की शाम ब्रिटेन से दून पहुंच गए।

दून के रहने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट शनिवार को आइईडी धमाकेमें शहीद हो गए थे। वर्ष 2010 में भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट मेजर बिष्ट सेना की इंजीनियरिंग कोर में तैनात थे। उनके पिता एसएस बिष्ट सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर हैं।

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