राजस्थान में इस बार मौसमी बीमारी डेंगू का कहर आ रहा नजर…

राजस्थान में इस बार मौसमी बीमारी डेंगू का कहर नजर आ रहा है। प्रदेश में डेंगू पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा ही 6,700 से ज्यादा हो चुका है। वहीं, आठ मौतें भी हो चुकी है। हालांकि यह सरकारी आंकड़ा है और निजी अस्पतालों या निजी डाॅक्टरों के यहां उपचार करा रहे लोगों की संख्या इसमें शामिल नहीं है।

जानकारों का कहना है कि उन मरीजों को शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा दो गुना से ज्यादा हो सकता है।

राजस्थान मे इस बार बारिश देर तक हुई है। इसके चलते मलेरिया, चिकनगुनिया या स्वाइन फलू से कुछ हद तक राहत रही, लेकिन डेंगू ने अस्पताल भर दिए हैं। राजधानी जयपुर से लेकर प्रदेश के हर जिले में इस रोग के मरीज नजर आ रहे हैं और अस्पतालों व डाॅक्टरों के यहां मरीजों की लंबी लाइनें दिख रही हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रतिवर्ष अक्टूबर के महीने में डेंगू के मामले सामने आते ही हैं। बल्कि इस बार पिछले साल की तरह हेमरेजिक डेंगू फीवर के नहीं होने से स्थिति कुछ ठीक है। डेंगू के इस बार व्यापक असर के लिए नगरीय निकायों द्वारा समय पर फोगिंग नहीं करना भी बड़ा कारण माना जा रहा है। राजस्थान के नगरीय निकायों में इस बार चुनाव होने हैं। इनमें जयपुर, जोधपुर, कोटा जैसे बड़े शहर भी शामिल थे, हालांकि इन शहरों में चुनाव कुछ समय के लिए टल गए हैं, लेकिन चुनाव टालने का फैसला पिछले माह ही हुआ है।

इससे पहले तो यहां पूरी तरह चुनाव का माहौल था और इससे निकायों के रोजमर्रा के काम भी नहीं हो रहे थे। साफ-सफाई की जिम्मेदारी को जिस तरह से निभाया जाना चाहिए था, उसमें भी लापरवाही रही है और डेंगू के मच्छरों को पर्याप्त संख्या में पनपने का मौका मिला है। चिकित्सा विभाग हालांकि लगातार माॅनिटरिंग के दावे कर रहा है।

चिकित्सा मंत्री रधु शर्मा नियमित रूप से अधिकारियों से बैठकें कर मौसमी बीमारियों पर रोकथाम के उपाय करने के निर्देश रहे हैं, लेकिन डेंगू का मच्छर काबू में नहीं आ रहा है। इस बीच, जयपुर जिला प्रशासन ने स्कूलों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें स्कूलों से कहा गया है कि यदि स्कूल यूनिफार्म में फुल पैंट नहीं है तो इसे फुल कराया जाए, क्योंकि डेंगू का मच्छर धुटनों के नीचे ही काटता है। इसके अलावा हर सात दिन में स्कूलों मे मच्छर मारने के लिए स्प्रे  किया जाए।

प्रदेश के प्रमुख शहरों में डेंगू की स्थिति

जिला केस मौतें

जयपुर फर्स्ट 1366 02

कोटा 808 00

जयपुर सेकेंड 674 02

जोधपुर 664 00

सीकर 209 01

करौली 158 01

भरतपुर 153 02

प्रदेश में कुल 6719 08

आंकड़ों में गफलत

डेंगू से होने वाली मौतों के मामले में चिकित्सा विभाग के मुख्यालय और जयपुर के दूसरे अस्पतालों में आंकड़ों में अंतर दिख रहा है। चिकित्सा विभाग के मुताबिक, राजस्थान में इस साल अब तक आठ लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, राजधानी जयपुर के दो सरकारी अस्पतालों में ही डेंगू से होने वाली मौतों का आंकड़ा 10 तक पहुंच चुका है। जयपुर में प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में इस साल आठ लोगों की मौत डेंगू से हो चुकी है, जबकि बच्चों के जेके लोन अस्पताल में दो मौते हुई है। वहीं, चिकित्सा विभाग का दावा है कि पूरे प्रदेश में ही आठ मौतें हुई हैं।

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