राजस्थान चुनाव: जिस राजनीतिक दल ने जीती ये सीट, उसकी बनी सरकार

राजस्थान में कांग्रेस जहां सत्ता वापसी की जुगत में लगी है, वहीं भाजपा वसुंधरा सरकार को बरकरार रखना चाहती है। हालांकि चुनावी पंडितों की मानें तो भाजपा की राजस्थान में राह आसान नजर नहीं आ रही है। राजस्थान में एक सीट ऐसी भी है जो तय करती है कि सूबे का मुख्यमंत्री कौन होगा। जो भी राजनीतिक दल इस सीट पर कब्जा जमाता है, राज्य में सरकार भी उसी दल की बनती है और ये है चौमू विधानसभा सीट… राजस्थान चुनाव: जिस राजनीतिक दल ने जीती ये सीट, उसकी बनी सरकार

-1993 में भाजपा ने पहली बार चौमू सीट पर कब्जा जमाया था। भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी ने कांग्रेस नेता तेजपाल को मात दी थी और भैरोंसिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। फिलहाल भाजपा से नाराज चल रहे घनश्याम ने भाजपा छोड़कर भारत वाहिनी पार्टी बना ली है। 

-1998 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी को हराकर कांग्रेसी नेता भगवान सहाय सैनी ने चौमू सीट पर कब्जा किया और इस बार कांग्रेस ने सूबे में अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार बनाई। 

-2003 में भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदला और उसके नए चेहरे रामलाल शर्मा ने कांग्रेस के भगवान सहाय सैनी से सीट छीन ली और वसुंधरा राजे के रूप में भाजपा ने सत्ता में वापसी की।

-2008 के चुनाव में कांग्रेस ने भगवान सहाय सैनी पर फिर भरोसा जताया और उन्होंने भाजपा के तत्कालीन विधायक रामलाल शर्मा को इस बार मात दे दी। इस जीत के साथ सूबे में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी।

-2013 के चुनाव में भाजपा के रामलाल शर्मा ने कांग्रेस के भगवान सहाय सैनी से पुराना हिसाब चुकता करते हुए चौमू सीट छीन ली और भाजपा ने वसुंधरा राजे को सूबे की मुख्यमंत्री बनाया। 2003 से चौमू विधानसभा सीट पर रामलाल शर्मा और भगवान सहाय सैनी दोनों नेता एकदूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

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