राजस्थान चुनाव: कांग्रेस के लिए आसान नहीं है प्रत्याशियों को चुनना, एक सीट के हैं कई दावेदार

भाजपा ने 131 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है और अब बारी कांग्रेस की है. कांग्रेस भी अपनी पहली लिस्ट अब जारी करने वाली है. प्रत्येक विधानसभा सीट से टिकट को लेकर 3-4 दावेदार हैं और प्रत्येक दावेदार अपनी टिकट पक्की होने का दावा कर रहा है. इस बार कांग्रेस पार्टी से पदाधिकारियों के अलावा बाहरी चेहरे भी टिकट की डिमांड कर रहे हैं और पुराने सिस्टम के अनुसार दी जाने वाली टिकटों को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे हैं.राजस्थान चुनाव: कांग्रेस के लिए आसान नहीं है प्रत्याशियों को चुनना, एक सीट के हैं कई दावेदार

कांग्रेस की बात करें तो इस बार कांग्रेस में भी विकट हालात है पिछली बार से इस बार हालात बहुत बदल गए हैं. हनुमानगढ़ में इस बार कांग्रेस की तरफ से पिछली बार विधायक रहे चौधरी विनोद कुमार दावेदारी जता रहे हैं. वहीं यूथ कांग्रेस के पवन गोदारा और कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे सुरेंद्र दादरी सहित स्थानीय नेता गणेश बंसल व समाजसेवी डॉक्टर सुमन चावला भी दावेदारी जता रहे हैं. सुमन चावला की मानें तो दोनों ही पार्टियों में दो चेहरों को ही मौका दिया जा रहा है और एक चुनाव में एक जीत जाता है दूसरे चुनाव में दूसरे को जीता दिया जाता है. और फिर से अगली बार चुनाव में उसी चेहरे को ही रिपीट किया जाता है. इनका कहना है कि नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए जिससे कि और भी लोग राजनीति में हिस्सा ले सकें.

कांग्रेस की टिकट पर दावेदारी जता रहे गणेश बंसल की बात करें तो इनका कहना है कि 1990 से लेकर 2018 के चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों द्वारा जाट समाज के ही चेहरे पर विचार किया जा रहा है. 1993 से लेकर अब तक भाजपा से डॉक्टर रामप्रताप और सन 1990 से कांग्रेस द्वारा चौधरी विनोद कुमार पर दांव खेला जाता रहा है. लेकिन किसी और समाज के चेहरे को भी मौका दिया जाना चाहिए. इनका दावा है कि जाट समाज के वोट हनुमानगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कम हैं लेकिन सर्वे रिपोर्ट में गलत आंकड़े दिये जाने की वजह से दोनो ही मुख्य पार्टियों द्वारा जाट चेहरों को टिकट दिया जाता रहा है.

इस बार हनुमानगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से चौधरी विनोद कुमार व पवन गोदारा दोनों जाट नेता दावेदारी जता रहे हैं. वहीँ गैर जाट के नाम पर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी, सुमन चावला व गणेश बंसल दावेदारी जता रहे हैं. वैसे भाजपा ने पूर्व की तरह प्रदेश में दिग्गज जाट नेता माने जाने वाले डॉ रामप्रताप को ही टिकट दिया है और कयास लगाये जा रहे हैं कि कांग्रेस भी जाट प्रत्याशी को ही मैदान में उतारेगी और गैर जाट दावेदारों को टिकट मिलना बहरहाल मुश्किल नजर आ रहा है

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