राजस्थान चुनाव: इस दिलचस्प कदम से बढ़ेगा महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत!
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत प्रधानमंत्री के हाथों सम्मान पा चुका झुंझनूं एक बार फिर सुर्खियों में हैं। जिले में बीते तीन साल में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां अपने चरम पर हैं। इस बार झुंझनूं के सुर्खियां बटोरने का कारण चुनाव कार्यों में महिला कर्मचारियों की तैनाती है। आलम यह है कि इस बार हर तीन चुनावकर्मी में से एक महिला है।
यह पहली बार है जब महिलाओं को चुनाव कार्य में लगाया जा रहा है। इससे पहले राज्य में कहीं भी महिलाओं को चुनाव संबंधी कार्यों में नहीं लगाया जाता था। झुंझनूं के कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने निर्णय लिया है कि महिला कर्मियों को न केवल शहरी इलाकों में बल्कि बड़े शहरों के आस-पास के ग्रामीण इलाकों में भी लगाया जाएगा। महिलाकर्मियों की सुविधा के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करने के अलावा महिलाओं को सुरक्षा का जिम्मा भी सौंपा गया है।
कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने कहा कि यह जिले के लिए गर्व की बात है। महिलाओं का चुनाव कार्य में लगना बदलती व्यवस्था को भी दिखाता है। यह दिखाता है कि नारी शक्ति का प्रतिशत जिले में पुरुषों से ज्यादा है। जिले के 1,770 मतदान केंद्रों पर 12 हजार कर्मियों की आवश्यकता है जबकि पुरुष कर्मियों की संख्या मात्र आठ हजार ही है। ऐसे में पहली बार 4000 महिला कर्मियों को पहली बार विधानसभा चुनाव के कार्य में लगाया जा रहा है।
चुनाव आयोग का भी मानना है कि महिलाओं को चुनाव कार्य में लगाए जाने से चुनाव में महिलाओं के मतदान प्रतिशत में भी इजाफा होगा।