रविशंकर प्रसाद ने कहा- कांग्रेस ने कोशिश की सिख दंगों के पीड़ितों को न मिले न्याय

साल 1984 के सिख दंगों के मामलों में दो दोषियों को सजा मिलने पर भाजपा ने सन्तोष व्यक्त किया है। पार्टी ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने 35 साल तक सिखों को न्याय न मिले, इस बात की पूरी कोशिश की। बीजेपी के मुताबिक ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि कांग्रेस पार्टी अपने कुछ लोगों को बचाना चाहती थी। रविशंकर प्रसाद ने कहा- कांग्रेस ने कोशिश की सिख दंगों के पीड़ितों को न मिले न्याय

कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि कांग्रेस ने पिछले 35 साल से इस बात की भरसक कोशिश की कि सिख दंगों के पीड़ितों को न्याय नहीं मिले। यह सिर्फ कुछ अपने लोगों को बचाने के लिए किया गया था।

उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने दिल्ली के इंडिया गेट पर एक सभा के दौरान कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। कानून मंत्री ने कहा कि यह सबसे गैर जिम्मेदाराना बयान था। कांग्रेस ने अपने आपको राजीव के उस बयान से कभी अलग नहीं किया। मनमोहन सिंह ने तो माफी मांगी थी लेकिन राहुल गांधी ने भी कभी इस बयान पर कभी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। 

प्रसाद ने कहा कि सिखों को न्याय देने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने सबसे बड़ा काम नानावती कमीशन को बनाकर किया था। आज सिखों को जो न्याय मिला है वह भी हमारे द्वारा बनाये गए एसआईटी के द्वारा की गई जांच के कारण ही सम्भव हो सका है। नानावती कमीशन को भाजपा ने गठित किया था। कमेटी ने कहा था कि योजनाबद्ध तरीके से सिखों का नरसंहार हुआ था। हत्या के खिलाफ पर्याप्त सबूत थे। इतने स्पष्ट आरोप के बाद भी 2005 से 2014 तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

प्रसाद ने कहा कि रंगनाथ मिश्रा कमीशन ने कहा यह संगठित अपराध नहीं था। बाद में उन्हें राज्यसभा में भेजकर कांग्रेस ने उपकृत किया था। यह साफ सन्देश था कि कांग्रेस क्या चाहती थी। जबकि मित्तल कमेटी ने 72 अफसरों पर कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रसाद के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट ने 2009 में कहा था कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने का दम भरते हैं लेकिन सबसे अधिक पीड़ितों में किसी के साथ भी कोई न्याय नहीं किया।

उन्होंने कहा कि 2015 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सिखों के नरसंहार की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया और आज कुछ सिखों की भावनाओं पर मलहम लगा है। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि सिख पीड़ितों को पूरा न्याय मिले।

उन्होंने कहा कि कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बनाया गया था लेकिन लोगों के पुरजोर विरोध के बाद उन्हें एक हफ्ते के भीतर पंजाब के प्रभारी पद से हटा दिया गया था। इसी प्रकार सज्जन कुमार को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। अगर कांग्रेस समझती है कि ये नेता सिख दंगों में कोई भूमिका नहीं निभा रहे थे तो उन्हें उनके पद से क्यों हटा दिया, कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए। 

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