रविवार को गलत से भी ना तोड़े तुलसी के पत्ते वरना…

आप सभी ने अक्सर ही घर के बडें बुजुर्गों से सुना ही होगा कि रविवार के दिन तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए. जी हाँ और इसी के साथ ही भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म में कुछ ऐसे रीति-रिवाज और मान्यताएं हैं जिनका पालन प्राचीन समय से किया जा रहा है और इनका पालन करने के पीछे हमेशा कोई न कोई कारण जरुर रहा है.रविवार को गलत से भी ना तोड़े तुलसी के पत्ते वरना...

ऐसे में कहा जाता है कि सप्ताह के सातों वारों के बारे में कुछ न कुछ नियम बनाएं गये हैं जिनका पालन प्राचीन समय से लोग करते आ रहे है. इन सभी के साथ ही इन नियमों का पालन न करना या नियमों को न मानने से नुकसान होता हैं. ऐसे में उन नियमों का कोई न कोई वैज्ञानिक महत्व होता है तो आज हम बताने जा रहे हैं कि शास्त्रों में बताया गया है कि रविवार के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और न ही तुलसी में पानी डालना चाहिए, ऐसा क्यों..?

कहते हैं कि तुलसी भगवान विष्णु को अत्याधिक प्रिय मानी जाती इसलिए भगवान विष्णु के शालिग्राम रुप की पूजा मे तुलसी चढाई जाती है और इसी के साथ ही भगवान विष्णु का विवाह तुलसी से करवाया जाता है और बृहस्पतिवार के दिन भगवान बृहस्पति को तुलसी की पत्ते चढ़ाये जाते हैं. कहते हैं रविवार के दिन माना जाता है कि तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए इस बात के अलावा ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए क्योंकि इस दिन तुलसी पर हाथ लगाने से मना होता है और इसी के साथ ही रविवार के दिन तुलसी को जल भी नहीं चढाना चाहिए वरना नुकसान होता है.

Back to top button