रमेश पोखरियाल निशंक ने राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद की योजनाओं की ली जानकारी…

 ‘उर्दू भारत की बेटी है और भारत में ही जन्मी और पली-बढ़ी है। हम चाहते हैं कि उर्दू की मिठास और सुगंध कस्तूरी की तरह पूरी दुनिया में पहुंचे। इसके लिए जितनी सहायता की आवश्यकता होगी हम मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराएंगे।’ ये बातें केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उर्दू परिषद के उपाध्यक्ष प्रो. शाहिद अख्तर, निदेशक डॉ. शेख अक़ील अहमद और एग्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य मुज़ाहिर खान के साथ समीक्षा मीटिंग के दौरान कहीं। उन्होंने राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद की योजनाओं की भी जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने परिषद के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आप लोग परिषद में उर्दू के विकास के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं, लेकिन इसमें नई स्कीमों की भी बढ़ोतरी होनी चाहिए।

उन्होंने अपने मंत्रालय के अवर सचिव और उप सचिव को भी परिषद को नई स्कीमों का सुझाव भेजने के लिए कहा कि उर्दू के विकास को गति प्रदान की जा सके। केंद्रीय मंत्री ने परिषद के उर्दू कंप्यूटर कोर्स स्कीम की प्रसंशा करते हुए कहा कि मुझे यह जानकर हर्ष हुआ कि इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी अच्छे पदों पर आसीन हैं। उन्होंने परिषद से ऐसे विद्यार्थियों की सूची मांगी है जो परिषद के केंद्रों से कोर्स करने के बाद अच्छे पदों पर आसीन हैं। उन्होंने कहा कि हम उन्हें मंत्रालय में बुलाकर उन्हें प्रोत्साहित करेंगे और उन्हें पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे।

केंद्रीय मंंत्री ने कहा कि परिषद के केंद्रों में पारदर्शिता लाने के लिए कहा कि परिषद के निदेशक और उपाध्यक्ष बिना किसी पूर्व सूचना के केंद्रों का दौरा करें। उन्होंने यहां तक कहा कि वह स्वयं भी अचानक किसी केंद्र का दौरा कर सकते हैं।

वहीं, परिषद के निदेशक डॉ. शेख अक़ील अहमद ने उन्हें यह सूचना दी कि परिषद दारा शिकोह की फारसी पुस्तकों का उर्दू अनुवाद भी प्रकाशित करने वाली हैं तो वह खुश हुए साथ ही कहा कि यह एक अच्छी पहल है।मदरसों में भी ऐसी पुस्तकों का होना आवश्यक है, ताकि मदरसों के विद्यार्थी भी भारतीय सभ्यता और दर्शन से परीचित हो सकें और उन्हें भी नौकरियों में समान अवसर मिल सकें।

​पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के अंतिम पांच वर्षों में उर्दू परिषद को 146 करोड़ का फंड मिने पर केंद्रीय मंत्री ने संतोष जताया। साथ ही कहा कि इस सिलसिले को बनाए रखते हुए उर्दू पषिद के लिए फंड की कोई कमी नहीं होने देंगे।

​इस समीक्षा मीटिंग में मंत्रालय के सचिव, भाषाओं के उप व अवर सचिव और उनके पी एस के अतिरिक्त उर्दू परिषद के सहायक निदेशक प्रशासनिक श्री कमल सिंह और कनिष्ठ प्रशासनिक एवं लेखा अधिकारी मुहम्मद अहमद भी मौजूद थे।

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