योगी सरकार ने चीनी कंपनियों को किया तबाह, उठा लिया ये बड़ा कदम…

भारत के चीन समेत कुछ पड़ोसी देशों की कंपनियां अब यूपी में किसी सरकारी प्रोजेक्ट के टेंडर में हिस्सा नहीं ले पाएंगी। प्रदेश सरकार ने सभी विभागों से इस पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। 

प्रदेश सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें सरकारी खरीद में कुछ निश्चित देशों के बिडर्स या कंपनियों के शामिल होने पर रोक के संबंध में सभी विभागों से आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया है। इस संबंध में सभी विभागों को एक पत्र भेजा गया है। इसमें पीपीपी वाली परियोजनाएं, राज्य द्वारा संचालित परियोजनाएं, सार्वजनिक उपक्रमों व निगमों व स्थानीय निकायों की परियोजनाएं व इसमें सरकारी खरीद शामिल हैं।
 
असल में भारत से लगने भौगोलिक सीमा वाले देशों में चीन, म्यांमार, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका व नेपाल आदि हैं। वैसे तो आदेश में  किसी देश का नाम नहीं लिया गया है लेकिन मौजूदा हालात व सीमा पर तनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि इस समय चीन की कंपनियां इससे ज्यादा प्रभावित होंगी। चीनी ऐप सरकार ने पहले से प्रतिबंधित किए हैं।  

रजिस्ट्रेशन से पहले लेनी होगी रक्षा मंत्रालय से अनुमति
नई रोक केंद्र सरकार ने यूपी सरकार को आदेश जारी कर तय व्यवस्था को लागू करने को कहा है। अब प्रदेश सरकार एक सक्षम प्राधिकरण बनाएगी। इस प्राधिकरण के तहत संबंधित देशों की कंपनियों को यहां रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पहले इन कंपनियों को रक्षा मंत्रालय व विदेश मंत्रालय से राजनीतिक सहमति व गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी  अनुमति लेनी होगी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी।

प्राधिकरण इस बात का  विवरण रहेगा कितनी कंपनियों के आवेदन आए, कितनों के निरस्त किए गए और कितने आवेदन मंजूर किए गए। इससे संबंधिति पूरी रिपोर्ट प्रदेश सरकार हर तीसरे महीने केंद्र सरकार के कैबिनेट सेकेट्री को भेजेगी। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय  सुरक्षा व देश की रक्षा के लिए इस तरह के कदम उठाए गए हैं। 

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