यही एक वजह जिसके चलते नहीं किया जाता रात में पोस्टमॉर्टम…

हर किसी के मन में प्राय: ऐसे सवाल उठते हैं जिनका जवाब खोजना काफी मुश्किल होता है। आदमी उन सवालों का जवाब जानने को बेचैन रहता है मगर उसे अपने सवाल का जवाब नहीं मिलता।

ऐसा ही एक सवाल है कि आखिर शवों का पोस्टमॉर्टम दिन में ही क्यों किया जाता है, रात में क्यों नहीं? शायद आपको न पता हो कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक वजहे हैं, जिनके बारे में शायद ही आपको पता हों।

पहले तो यह जानना जरूरी है कि आखिर पोस्टमॉर्टम क्यों किया जाता है? दरअसल, पोस्टमॉर्टम एक प्रकार का ऑपरेशन होता है, जिसमें शव का परीक्षण किया जाता है। शव का परीक्षण इसलिए किया जाता है ताकि उस व्यक्ति की मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके।

अब आइए जानते हैं दिन में पोस्टमॉर्टम का कारण। शवों का पोस्टमॉर्टम करने का समय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का ही होता है। इसके पीछे वजह यह है कि रात में ट्यूबलाइट या एलईडी की कृत्रिम रोशनी में चोट का रंग लाल के बजाए बैंगनी दिखाई देता है और फॉरेंसिक साइंस में बैंगनी रंग की चोट का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

रात में पोस्टमॉर्टम नहीं कराने के पीछे एक धार्मिक कारण भी बताया जाता है। चूंकि कई धर्मों में रात को अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। इसलिए कई लोग मृतक का पोस्टमॉर्टम रात को नहीं करवाते हैं।

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