यहां जानें, हनुमानजी को क्यों चढ़ाते हैं चमेली का तेल

चमेली का तेल हनुमानजी को चढ़ाने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। लेकिन चमेली के तेल में ऐसा क्या है, जिसके कारण हनुमानजी प्रसन्न होते हैं। इसको जानने के लिए पहले चमेली के बारे में जानना होगा।

दरअसल, चमेली का पारसी नाम ‘यासमीन’ है। जिसका अर्थ होता है ‘प्रभु की देन’। जब यह फूल ही प्रभु की देन है तो फूल से बना हर पदार्थ भी प्रभु को प्रिय होगा। इस मान्यता के कारण बजरंगबली को चमेली का तेल सिंदूर के साथ लगाने से वह प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

स्पेन और फ्रांस में है प्रचलित

– चमेली का फूल एक तरह की झाड़ी में लगता है, जिसकी लगभग 200 प्रजाति पाई जाती हैं। 

– चमेली जैस्मिनम प्रजाति के ओलिएसिई कुल का फूल है। 

– भारत से यह पौधा अरब के मूर लोगों द्वारा उत्तर अफ्रीका, स्पेन और फ्रांस पहुंचा था। 

– इस प्रजाति की लगभग 40 जातियां और 100 किस्में भारत में अपने नैसर्गिक रूप में उपलब्ध हैं। 

– चमेली सुगंधित फूल है, इसकी महक से लोग मोहित हो जाते हैं। चमेली के तेल से बहुत सारी दवाइयां बनायी जाती हैं, जो सिर दर्द, चक्कर, जुकाम आदि में काम आती हैं।

यह भी आजमाएं…

बड़ी ख़बर: आतंकी खतरे के बीच अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना

– हर मंगलवार और शनिवार के दिन बजरंग बली को बना हुआ बनारसी पान चढ़ाना चाहिए। 

– हनुमान मंदिर में भगवान के सामने हनुमान चालीसा का पाठ मंगलवार और शनिवार को करने से उनकी कृपा सदैव बनी रहती है। 

– हनुमान मंदिर में जाकर रोज चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

Back to top button