मेट्रो के आठ में सात स्टेशन पास, एक पर अटका अग्निशमन विभाग

लखनऊ मेट्रो के कॉमर्शियल रन के लिए बाधाएं अभी दूर होती नहीं दिख रही हैं। एक तरफ लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) दावा कर रहा है कि उसके प्राथमिकता सेक्शन के सभी आठ स्टेशनों को अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मिल चुका है।मेट्रो के आठ में सात स्टेशन पास, एक पर अटका अग्निशमन विभाग
वहीं अग्निशमन विभाग के अधिकारी इससे इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि बिना दोनों तरफ यात्रियों के लिए एंट्री-एग्जिट बने सिंगारनगर मेट्रो स्टेशन को फायर एनओसी नहीं दिया जा सकता है।

लखनऊ मेट्रो के प्रवक्ता अमित कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि 14 जुलाई को अग्निशमन विभाग ने अपना एनओसी दिया है।

इस एनओसी में सिंगारनगर मेट्रो स्टेशन के लिए कुछ निर्देश भी उन्होंने दिए हैं। इसमें दूसरी तरफ की एंट्री-एग्जिट बनाने का काम भी तयशुदा समय में बनाने के लिए कहा गया है।

उनके बताए कामों को पूरा करा लिया जाएगा। इसके साथ ही प्राथमिकता सेक्शन के सभी आठ मेट्रो स्टेशनों को फायर की एनओसी मिलने का काम पूरा हो गया है।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी अभय भान पांडेय ने सिंगारनगर मेट्रो स्टेशन को एनओसी से इन्कार किया है। उनका कहना है कि एंट्री-एग्जिट दोनों तरफ होना यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

इसके बिना एनओसी नहीं दिया जा सकता है। मंगलवार को लखनऊ मेट्रो के साथ इस मुद्दे पर बात होनी है। इस बैठक के बाद ही यह तय हो पाएगा कि सशर्त एनओसी दिया जाएगा या नहीं।

लखनऊ मेट्रो किस आधार पर एनओसी मिलने का दावा कर रहा है, इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। सभी स्टेशनों को एनओसी के बाद ही हो सकेगा कॉमर्शियल रन
सिंगारनगर स्टेशन को फायर एनओसी मिलना इसलिए भी जरूरी है कि यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

सिंगारनगर स्टेशन के अलावा बाकी सात स्टेशनों को अग्निशमन विभाग फायर एनओसी दे चुका है। अगर आठ में से एक स्टेशन को भी फायर एनओसी नहीं मिला। ऐसे में कॉमर्शियल रन अटका रहेगा।

 
 
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