मुलायम-शिवपाल पर कार्रवाई चाहता है अखिलेश गुट

एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के मुलायम सिंह यादव के कदम के बाद समाजवादी पार्टी के अंदर शीतयुद्ध सा माहौल है। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी का एक बड़ा धड़ा दबाव बना रहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कोई ठोस फैसला लें। यह गुट शिवपाल और फिर मुलायम के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता है।
मुलायम-शिवपाल पर कार्रवाई चाहता है अखिलेश गुट

सितंबर अधिवेशन में फैसला संभव

अखिलेश गुट का तर्क है कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ चटर्जी ने जब पार्टी के फैसले के खिलाफ 2008 में यूपीए सरकार का समर्थन दिया था तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। ऐसे में क्यों न यही मानदंड इस मामले में भी अपनाया जाए?

अखिलेश गुट के एक बड़े नेता ने अमर उजाला को कहा कि इस मसले पर कई तरह के विचार हैं। रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर शिवपाल-मुलायम पार्टी लाइन के खिलाफ गए हैं। अंतिम फैसला अखिलेश यादव को लेना है।

सूत्रों ने बताया कि सिंतबर में पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन लखनऊ में प्रस्तावित है। इस संबंध में अखिलेश गुट की पहल पर कोई ठोस फैसला हो सकता है।

सुलह की संभावनाएं कम: अखिलेश गुट

अखिलेश गुट के कई वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि अब मुलायम खेमे के साथ अखिलेश खेमे की सुलह की कोई संभावना नहीं है। एक नेता ने कहा कि जो लोग भाजपा के साथ चले गए, उनके साथ अब क्या ‘पैच अप’ होगा। अखिलेश गुट के एक नेता बताते हैं कि 2008 में माकपा के तत्कालीन महासचिव प्रकाश करात ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाने पर तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ चटर्जी तक को निकाल दिया था। पार्टी के निर्देश के बावजूद उन्होंने स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं दिया था। अखिलेश गुट अपने अध्यक्ष से मुलायम और शिवपाल के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

– कोविंद को समर्थन देने के मुलायम के रुख से सपा का एक धड़ा खफा
– सितंबर में सपा के अधिवेशन में उठ सकती है ऐसी मांगें
– अखिलेश गुट का तर्क, माकपा जब सोमनाथ पर कर सकती है कार्रवाई तो शिवपाल-मुलायम पर भी होनी चाहिए

 
 
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