ढाबे पर निर्वस्त्र पहुंची थीं महिलाएं,मुरथल कांड में सनसनीखेज खुलासा

images (23)चंडीगढ़। ‘बड़ी संख्या में महिलाएं जो निर्वस्त्र थीं, शरण के लिए ढाबे पर पहुंची थीं। उन्हें कंबल और कपड़े दिए गए थे।’ यह बात न्याय मित्र अनुपम गुप्ता ने मुरथल सामूहिक दुष्कर्म मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के सुनवाई के दौरान मीडिया के हवाले से कही।

न्याय मित्र गुप्ता और सरकारी वकीलों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। सुनवाई आरंभ होते ही प्रकाश सिंह कमेटी और मुरथल मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट अदालत को सौंप दी गई।

इस मौके पर एसआईटी की इंचार्ज आईजी ममता सिंह ने कोर्ट को बताया कि एसआईटी ने ट्र्रक चालक अमरीक सिंह समेत 226 लोगों से पूछताछ की। अमरीक सिंह से उन्होंने और अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) ने भी पूछताछ की, लेकिन दुष्कर्म का कोई सबूत नहीं मिला।

न्याय मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट ने एक बार फिर से निराश किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह दबाव में तैयार की गई रिपोर्ट है। न्याय मित्र ने प्रकाश सिंह के एक पत्रिका में प्रकाशित इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा कि प्रकाश सिंह ने माना है कि कमेटी के तीनों सदस्यों के सामने मुरथल के एक ढाबा मालिक आए थे। इन्होंने बिना किसी कैमरा और रिकॉर्डिंग स्वीकार किया कि उस रात कुछ ऐसा हुआ था, जो महिलाओं की इज्जत के लिहाज से अपमानजनक था।

मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि मुरथल के ढाबा मालिक ने कमेटी को बताया था कि जिस दौरान घटना हुई थी बड़ी संख्या में महिलाएं जो निर्वस्त्र थीं, शरण के लिए ढाबे पर पहुंची थीं। उन्हें कंबल और कपड़े दिए गए थे।

एसआईटी की प्रमुख आईजी हैं और प्रकाश सिंहकमेटी में पूर्व डीजीपी हैं। ऐसे में पूर्व डीजीपी के सामने दिए गए बयान का खंडन आईजी कर रही हैं। न्याय मित्र ने कहा कि कोर्ट के सामने सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मां का इंटरव्यू दिखाया गया था। एक अन्य वीडियो दिखाया गया था जिसमें पुलिस वालों की बातचीत थी। इन सब के बावजूद एसआईटी की जांच रिपोर्ट घटना पर आंखें बंद कर क्यों बनाई गई।

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