मिशन 2019: बिहार में कांग्रेस ने रखी RJD के बराबर सीटों की डिमांड, मांझी ने भी दिखाई आंख
पटना । महागठबंधन में लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को ले सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। अभी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर दो-टूक मांग रखी ही थी कि कांग्रेस ने भी एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से बराबरी का हक मांगा है। कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस महागठबंधन में राजद के बराबर सीटों की हकदार है।
विधायक अजित शर्मा बोले: कांगेस को चाहिए राजद के बराबर सीटें
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में राजद के बराबर सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी को राजद से अधिक नहीं तो बराबर सीटें तो चाहिए हीं। इसकी जानकारी पार्टी सुप्रीमो राहुल गांधी को दी जा चुकी है। पार्टी अब बिहार में फ्रंट फुट पर रहेगी।
हर प्रमंडल में रहेगा कांग्रेस का एक प्रत्याशी
अजित शर्मा ने दावा किया कि पार्टी हर प्रमंडल में अपने प्रत्याशी देगी। बड़े प्रमंडलों में दो प्रत्याशी रहेंगे। पड़ोसी राज्य झारखंड का उदाहरण देते हुए अजित शर्मा ने कहा कि वहां कांग्रेस का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला हुआ था, इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा कहीं नहीं था।
राजद के भाई वीरेंद्र राजद बोले: कहीं कोई समस्या नहीं
इस बयान से भड़के राजद विधायक व प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र ने कहा कि अजित शर्मा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) व भाजपा के साथ मिलकर महागठबंधन में दरार डालने की साजिश कर रहे हैं। वे पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता नहीं। एक मामूली विधायक की बातों का कोई मतलब नहीं। भाई वीरेंद्र ने कहा कि कांग्रेस व राजद के शीर्ष नेतृत्व संपर्क में हैं। सीट बंटवारे में कोई समस्या नहीं है।
कांग्रेस पहले भी कर चुकी बराबरी की मांग
भाई वीरेंद्र जो भी कहें, कांग्रेस की ओर से राजद पर सीटों को लेकर बराबरी की मांग पहले भी उठी है। राहुल गांधी भी हाल की अपनी रैली के दौरान पार्टी के बिहार में फ्रंट फुट पर रहने की घोषणा कर गए हैं।
आसान नहीं सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझाना
कांग्रेस की मांग अकेली नहीं। अन्य दलों ने भी सीटों को लेकर अपनी मांगें रखकर उलझन बढ़ा दी है। ऐसे में सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझाना आसान नहीं दिख रहा।
जीतनराम मांझी भी की चुके ये बड़ा ऐलान
कांग्रेस के पहले मंगलवार को जीतनराम मांझी ने भी साफ कहा कि यदि लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें उपेंद्र कुशवाहा या मुकेश सहनी से कम सीटें मिलीं तो पार्टी विकल्पों की तलाश करेगी। इसमें गठबंधन पर पुनर्विचार भी शामिल है। मांझी इस मसले पर लालू प्रसाद यादव से भी बात करेंगे और 23 फरवरी को वे रांची जाकर लालू यादव से मुलाकात भी करेंगे।
मांझी ने कहा कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा बिहार के महागठबंधन में पहले से है। उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी इसमें बाद में शामिल हुए हैं। ऐसे में सीटों पर हम का अधिकार पहले बनता है। यदि उनकी अनदेखी की जाती है और कम सीटें दी जाती हैं तो ऐसी स्थिति में वे विकल्पों पर विचार करेंगे।
राजद को भी चाहिए 20-22 सीटें
राजद भी 20-22 सीटों से कम पर मामने के लिए तैयार नहीं है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष राम चंद्र पूर्वे दो टूक कह चुके हैंकि पार्टी इतनी सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी। अगी ऐसा होता है तो कांग्रेस सहित शेष दलों के लिए अधिकतम 20 सीटें ही बचेंगी।
किसी को नहीं मिलने जा रहीं मांगी गईं सीटें
अजित शर्मा व जीतनराम मांझी के ताजा बयानों से महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला फिर उलझता दिख रहा है। जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी व मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी को भी पांच-पांच सीटें चाहिए तो राजद को कम से कम 20 सीटें चाहिए। कांग्रेस को राजद के बराबर सीटें चाहिए। ऐसे में आगे जो भी हो, इतना तो तय है कि किसी पार्टीकेा उसकी मांग के अनुसार सीटें नहीं मिलने जा रहीं।