मिशन 2019 : अंतरिम बजट में हर वर्ग के ‘अच्छे दिन’ लाने की तैयारी में सरकार

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश होने जा रहे अंतरिम बजट में केंद्र सरकार सभी वर्गों को साधने के लिए सौगात दे सकती है। सरकार चाहती है कि चुनावी बजट में रोजगार, किसान, विदेश नीति, निवेश और व्यापार के मोर्चे पर सकारात्मक संदेश दिया जाए। इसके लिए किसानों के खाते में सीधे राशि ट्रांसफर, आयकर छूट का दायरा बढ़ाना, मकान खरीदने में जीएसटी में छूट और छोटे व्यापारियों को सस्ते कर्ज जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। इसके लिए सरकार और संगठन के स्तर पर लगातार मंथन हो रहा है।मिशन 2019 : अंतरिम बजट में हर वर्ग के ‘अच्छे दिन’ लाने की तैयारी में सरकार

सरकार का एक वर्ग चाहता है कि राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.3 फीसदी रखने के लिए आर्थिक अनुशासन जरूरी है। दूसरी ओर संगठन और सरकार का दूसरा वर्ग जनता को सीधे राहत देने के पक्ष में है। भाजपा के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल कहते हैं, हमारे कुछ आर्थिक जानकार राजकोषीय घाटे पर सतर्कता बरतने को कहते हैं। हालांकि इनमें ज्यादातर विदेशी थिंक टैंक हैं। जबकि मेरा मानना है कि सरकार को विस्तारवादी आर्थिक नीति फायदा पहुंचाएगी। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे वाकिफ हैं, हालांकि अभी इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

सबसे बड़ा कारण

हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों ने भाजपा रणनीतिकारों के माथे पर बल ला दिया है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता जाने का बड़ा कारण कांग्रेस द्वारा की गई किसानों की कर्ज माफी की घोषणा को माना जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार का फोकस उन करोड़ों किसानों पर है जो फसलों की कम कीमत मिलने से नाराज हैं।

कहां से आएगा पैसा

इस योजनाओं पर लगभग चार से पांच लाख करोड़ रुपये खर्च की संभावना है। सरकार को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अपने रिजर्व फंड से मार्च तक तीन से चार लाख करोड़ रुपये से केंद्र सरकार को मुहैया करा देगा। साथ ही, सरकार ने इस साल डीबीटी के जरिए लगभग एक लाख करोड़ रुपये बचाए हैं जिनका उपयोग इसमें हो सकता है।

किसानों पर ऐसे करम

हर फसली सीजन से पहले प्रति एकड़ निश्चित रकम सीधे किसानों के खाते में डालने की घोषणा हो सकती है। सरकार इसके लिए तेलंगाना और ओडिशा मॉडल का अध्ययन कर रही है। तेलंगाना में बुआई से पहले चार हजार रुपए प्रति एकड़ किसानों के खाते में दिए जाते हैं। केंद्र इस योजना में उन खेतिहर मजदूरों को भी जोड़ना चाहता है जो बंटाई पर या लीज पर खेती करते हैं। इससे देश के करीब 21.6 करोड़ किसानों को फायदा होगा। किसानों को एक लाख रुपये तक ब्याज मुक्त कर्ज देने और समय से कर्ज चुकाने वालों को ब्याज में राहत देने की भी उम्मीद है।

आखिर क्यों है उम्मीद

सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण के ऐलान के समय केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि चुनाव से पहले सरकार जनहित के कई बड़े फैसले ले सकती है।

सस्ता होगा घर खरीदना : मध्य वर्ग को होम लोन के ब्याज में रियायत मिल सकती है। घर खरीदने पर जीएसटी में राहत दी जा सकती है। निर्माणाधीन फ्लैट पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी के स्लैब में लाई जा सकती है।

आयकर छूट का दायरा : फिलहाल ढाई लाख रुपये तक की आय कर के दायरे से बाहर है। इस दायरे को बढ़ाकर तीन से पांच लाख तक किया जा सकता है।

बुजुर्गों की पेंशन बढ़ेगी : लंबे समय से राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की मांग हो रही है, जो अभी 200 रुपये महीने है। कुछ संगठनों इसे 3000 करने की मांग की है।

कारोबारियों को सस्ता कर्ज : जीएसटी छूट सीमा सालाना 20 लाख से 40 लाख रुपये करने के बाद छोटे कारोबारियों को लोन लेने पर ब्याज में दो फीसदी तक छूट मिल सकती है। इसका फायदा जीएसटी के तहत पंजीकृत कारोबारियों को ही मिलेगा। कारोबारियों को मुफ्त दुर्घटना बीमा की सुविधा भी मिल सकती है।

गरीबों को हर माह नकद : गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को ढाई हजार रुपये महीने यूनिवर्स बेसिक इनकम के तहत मिल सकते हैं। इससे बेरोजगार युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं को विशेष राहत मिलेगी।

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