माल्या को दो बार UPA ने दिलाया था लोन, मनमोहन ने खारिज किए BJP के आरोप

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि शराब कारोबारी विजय माल्या को दो बार लोन कांग्रेस सरकार के दौरान दिया गया। बीजेपी स्पोक्सपर्सन संबित पात्रा ने सोमवार को कहा- माल्या को पहली बार 2004 और फिर 2008 में लोन दिया गया। जबकि उन्हें नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) डिक्लेयर कर दिया गया था। बता दें कि कुछ दिन पहले एक मीडिया रिपोर्ट में विजय माल्या के तब के पीएम मनमोहन सिंह और फाइनेंस मिनिस्टर चिदंबरम को लिखे लेटर भी सामने आए थे। मनमोहन ने बीजेपी के आरोपों को खारिज कर दिया है। और क्या कहा पात्रा ने….माल्या को दो बार UPA ने दिलाया था लोन; मनमोहन ने खारिज किए BJP के आरोप
 – सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पात्रा ने कहा- दो बार माल्या को लोन दिया गया। पहले 2004 और फिर 2008 में। इतना ही नहीं 2010 में उनके लोन को रिस्ट्रक्चर भी किया गया।
– बता दें कि इस दौरान केंद्र में यूपीए की सरकार थी। मनमोहन पीएम और चिदंबरम फाइनेंस मिनिस्टर थे।
– बीजेपी स्पोक्सपर्सन ने कहा- क्या डूबते जहाज (कांग्रेस) ने डूबती एयरलाइंस (माल्या की किंगफिशर) की मदद की थी? मनमोहन के कहने पर ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने माल्या पर सॉफ्ट रुख अपनाया और उनके अकाउंट भी फ्रीज नहीं किए गए।
– पात्रा ने कहा- अकसर, ये सवाल पूछा जाता है कि खराब रेटिंग के बावजूद माल्या को 9 हजार करोड़ का लोन कैसे मिल गया? इसका जवाब ये है कि पीछे से कोई ताकत जरूर मदद कर रही थी। हमारे पास लेटर और ईमेल सबूत के तौर पर मौजूद हैं।
मनमोहन ने खारिज किए आरोप
– मनमोहन सिंह ने बीजेपी के तमाम आरोपों को खारिज कर दिया। सोमवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंह ने कहा, “हर सरकार में प्राइम मिनिस्टर और दूसरे मिनिस्टर्स को इंडस्ट्री लीडर्स की तरफ से ऐसे लेटर मिलते रहते हैं। इन्हें रिलेटेड अथॉरिटीज के पास भेज दिया जाता है।”
– “मैंने जो किया वो पूरे भरोसे के साथ किया। देश का कोई कानून नहीं तोड़ा। ये तो बहुत आम बात है। वो लेटर मामूली कागज के टुकड़े से ज्यादा और कुछ नहीं है। सरकारों के पास ऐसे लेटर आते रहते हैं।”
माल्या ने मांगी थी मनमोहन से मदद
– एक चैनल के मुताबिक, माल्या ने मनमोहन और चिदंबरम को लेटर लिखकर मदद मांगी थी। माल्या ने लिखा था कि बैंक कंजोर्शियम से उन्हें 60 दिन के लिए कर्ज दिलाया जाए ताकि एयरलाइंस की फ्यूल सप्लाइ बंद ना हो।
– रिपोर्ट के मुताबिक, माल्या को लेटर 21 मार्च 2013 को जबकि मनमोहन को 4 अक्टूबर 2011 को ये लेटर भेजे गए। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि माल्या ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बड़े अफसरों से भी मदद मांगी थी लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
– अब बीजेपी इन्हीं लेटर्स के बेस पर आरोप लगा रही है कि मनमोहन और चिदंबरम ने माल्या की मदद की। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस अब एक्सपोज हो चुकी है।
– रिपोर्ट के मुताबिक विजय माल्या उस समय लगातार पीएमओ के संपर्क में थे। 2010 से 2013 के कई ईमेल पीएमओ ने फाइनेंस मिनिस्ट्री को फॉरवर्ड कर दिए थे।
किंगफिशर पर लगे थे ये आरोप
– पिछले दिनों 1000 से भी ज्‍यादा पेज की चार्जशीट में सीबीआई ने किंगफिशर एयरलाइंस पर कई आरोप लगाए हैं। आरोप है कि एयरलाइन ने आईडीबीआई की तरफ से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्‍तेमाल किया।
– एजेंसी ने ये भी कहा कि आईडीबीआई ने कंपनी को रविवार के दिन लोन दिया था, जो कि आरबीआई के नियमों के खिलाफ है।
– इस मामले में आईडीबीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल सहित 9 लोगों को हाल में गिरफ्तार किया गया था।
मदद मांगी थी लोन नहीं: माल्या
– माल्या ने कुछ दिनों पहले किंगफिशर एयरलाइंस के बंद होने के लिए सरकार की पॉलिसीज और उस दौर की इकोनॉमिक कंडीशंस को जिम्मेदार ठहराया था। माल्या ने कहा था कि जनता के पैसे से सरकार के स्वामित्व वाली एयर इंडिया को बेलआउट दिया गया, लेकिन ‘सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन’ को ऐसे ही छोड़ दिया गया।
– माल्या ने अपने बचाव में कई ट्वीट किए थे। माल्या ने ‘जनता का पैसा एयर इंडिया को दिए जाने’ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन्होंने पॉलिसी में बदलाव से संबंधित मदद मांगी थी। माल्या ने सीबीआई और सेबी से ये भी कहा कि उन्हें बताना होगा कि उनपर किस आधार पर आरोप लगाए गए।
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