मायावती ने PM मोदी द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर साधा निशाना….

बीएसपी प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर निशाना साधा है। मायावती इस बैठक में नहीं जाएंगी। वह मंगलवार शाम को ही दिल्ली से लखनऊ आ गईं हैं। उन्होंने कहा केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों की जो बैठक आज दिल्ली में बुलायी गई है उसमें मैं जरूर शामिल होती अगर यह बैठक वास्तव में ईवीएम की राष्ट्रीय चिंता के समाधान के संबंध बुलायी गई होती।

उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा है कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजबारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलंत राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास व छलावा मात्र है।

मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है। ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिंताजनक चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती।

बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि एक देश में एक चुनाव देश का मुद्दा नहीं है बल्कि बीजेपी का नया ढकोसला है, ताकि ईवीएम की सुनियोजित धांधलियों के माध्यम से देश के लोकतंत्र को हाईजैक करने की गंभीर चिंता की तरफ से लोगों का ध्यान बांटा जा सके।

केंद्र सरकार द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर नई दिल्ली में आयोजित बैठक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने पहले ट्वीट और फिर अपने बयान में कहा कि बीजेपी की सरकार को ऐसी सोच व मानसिकता एवं कार्यकलापों से दूर रहना चाहिये जिससे देश का संविधान व लोकतंत्र को आघात पहुंचता है। वास्तव में इतने विशाल लोकलांत्रिक देश में एक देश-एक चुनाव के बारे में सोचना ही प्रथम दृष्टया अलोकलांत्रिक व गैर-सांविधानिक प्रतीत होता है।

उन्होंने कहा कि एक देश, एक चुनाव देश का मुद्दा नहीं है और न ही लोगों की इसमें कोई रुचि है बल्कि इसके विपरीत बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की जोरदार मांग असली राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है, जिसके लिए हमारी पार्टी अपना संघर्ष लगातार जारी रखेगी। साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान को न तो बदलने देगी और न ही इसे तोड़ने-मरोड़ने की इजाजत देगी।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और कुछ अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए सांसदों वाले राजनीतिक दलों के प्रमुखों की बुधवार को बैठक बुलाई है।

मायावती ने 23 को बुलाई पदाधिकारियों की बैठक

बसपा प्रमुख मायावती ने 23 जून को पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों की लखनऊ में बैठक बुलाई है। बैठक के मद्देनजर मायावती मंगलवार शाम दिल्ली से लखनऊ आ गईं। पिछले माह लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बसपा प्रमुख दिल्ली चली गईं थी। देशभर के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में मायावती दूसरे राज्यों के निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही राज्य के उप चुनाव की तैयारी में जुटने और गठबंधन से नफा-नुकसान के बारे में अपनी बात रख सकती है। पार्टी संगठन के चुनाव और बदलाव को लेकर भी बैठक में बात हो सकती है।

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