महिला नक्सलियों ने छह जवानों की पहले की हत्या उसके बाद बड़ी बेहरहमी से काटे गुप्तांग

सोमवार को सुकमा जिले के बुरकापाल में हुए नक्सली हमले में यह सनसनीखेज तथ्य सामने आया है कि महिला नक्सलियों ने करीब 6 शहीद जवानों के गुप्तांग काट दिए हैं।

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बस्तर में तैनात जवानों द्वारा आदिवासी महिलाओं व युवतियों के साथ ज्यादती के आरोप लगते रहे हैं। इस अमानवीय कृत्य को महिला नक्सलियों की बदले की कार्रवाई के रूप में भी देखा जा रहा है।

धारदार हथियार से करीब 6 शहीद जवानों के गुप्तांग काट दिए। बुरकापाल हमले में शामिल नक्सलियों में लगभग एक तिहाई महिला थीं, इसके चलते इस बात को और बल मिल रहा है।

पहले भी दिखा है अमानवीय चेहरा

पूर्व की मुठभेड़ों में भी नक्सलियों का अमानवीय चेहरा सामने आता रहा है। वर्ष 2007 में बीजापुर जिले के रानीबोदली में सीएएफ कैम्प पर नक्सली हमले में 55 जवान व एसपीओ शहीद हुए थे। तब नक्सलियों ने धारदार हथियार से कुछ जवानों के सिर धड़ से अलग कर दिए थे। झीरम-2 के नाम से चर्चित टाहकवाड़ा मुठभेड़ में शहीद जवानों के शवों को टंगिए व धारदार हथियारों से गोदा गया था। एक बार शहीद जवान के शव में बम ट्रांसप्लांट करने की घटना को भी अंजाम दिया गया था।

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भय पैदा करना मकसद

माना जाता है कि इस तरह की अमानवीय हत्याएं नक्सली जनमानस में अपने प्रति भय पैदा करने के लिए करते हैं। पिछले दो दशक में नक्सलियों ने बस्तर संभाग में जन अदालतों में लोगों को डंडे से पीट-पीटकर मार डालने, हाथ-पैर की नसों को काटकर मौत की नींद सुला देने की दर्जनों घटनाएं की हैं। गला रेतकर मारने की घटनाएं तो आम हैं।

 

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