महिला आयोग शायरा बानो के साथ, तीन तलाक मामले में

burka-lady-e1464422250190नई दिल्ली। तीन तलाक प्रथा को समाप्त करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू), देहरादून की शायरा बानो का समर्थन करेगा। बुधवार को आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने यह भरोसा दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 35 वर्षीया शायरा बानो की याचिका स्वीकार विचारार्थ स्वीकार की है। इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ में तलाक की मौखिक और एकतरफा प्रथा खत्म करने की मांग की गई है।

कुमारमंगलम ने कहा, इस मामले में एनसीडब्ल्यू पहले से ही एक पक्ष है। हम इस महीने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करेंगे। हम मांग का दो सौ फीसद समर्थन करते हैं।

ललिता मुस्लिम महिला अधिकार समूह भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) की मांग पर प्रतिक्रिया दे रही थीं। बीएमएमए ने तीन तलाक की प्रथा खत्म करने के लिए एनसीडब्ल्यू का समर्थन मांगा है।

बीएमएमए ने कहा है कि उसने अपने अभियान के समर्थन में 50,000 हजार हस्ताक्षर इकट्ठे किए हैं। महिला आयोग को लिखे पत्र में कहा गया है, “महिलाएं चाहती हैं कि मौखिक और एकतरफा तलाक की प्रथा पर कानूनी प्रतिबंध लगाया जाए।

हमारे राष्ट्रीय शोध “सीकिंग जस्टिस विदइन फैमिली” में पाया गया है कि 92 फीसद मुस्लिम महिलाएं ऐसी प्रथा का अंत चाहती हैं जो उनकी व उनके बच्चों की जिंदगियां तबाह करती हो।”

बीएमएमए ने “निकाह हलाला” को बेहद खराब प्रथा करार देते हुए इसे भी खत्म करने की मांग की है। समूह का कहना है, “कुरान में तत्काल तलाक का कोई जिक्र नहीं है। इसमें तलाक के पहले वार्ता, सुलह और मध्यस्थता की 90 दिन की प्रक्रिया बताई गई है।”

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