महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल में सियासी हंगामा

सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल में सियासी हंगामा जारी है. बीजेपी-कांग्रेस के स्थानीय नेता मंदिर की परंपरा और रीति रिवाजों को बचाने के नाम पर यात्राएं निकाल रहे हैं. हाल ही में बीजेपी रथ यात्रा लेकर निकली तो कांग्रेस ने भी पदयात्रा निकाली थी.
कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां चाहती हैं कि मंदिर में परंपरा के मुताबिक 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर बैन लगा रहे. पिछले कुछ समय से मंदिर में एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं.
तिरुअंतपुरम में कर्नाटक विधानसभा के विपक्षी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने रथ यात्री को हरी झंडी दिखाई. मधुर सिद्धि विनायक मंदिर से इसका नेतृत्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पी एस श्रीधरण पिल्लई और भारत धर्म जन सेना प्रमुख तुषार वेलपल्ली कर रहे हैं. आने वाले दिनों में कई नेता अलग-अलग जिलों से रैलियों का नेतृत्व करेंगे, जो 15 नवंबर को पथनमथिट्टा में खत्म होगी जहां सबरीमला स्थित है.
सबरीमला संरक्षण यात्रा के उदघाटन कार्यक्रम में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सबरीमला में तनाव खत्म करने के लिए राज्य सरकार से फौरन हस्तक्षेप करने की मांग की. उन्होंने कहा कि केरल सरकार को अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए और सबरीमला में गतिरोध खत्म करने के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए.

सिर्फ 20 किलोमीटर दूर पेरला से कांग्रेस ने अपनी पद यात्रा शुरू की. इसकी शुरुआत केरल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी प्रमुख के. सुधाकरन ने की. कांग्रेस पांच अलग-अलग शहरों में मार्च निकालेगी. केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुलापल्ली रामचंद्रन ने कहा कि यात्रा के दौरान कांग्रेस लोगों को ये बताएगी कि किस तरह से सबरीमला मुद्दे को सत्तारूढ़ माकपा और बीजेपी ने राजनीतिक रंग दिया.

सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका पर 13 नवंबर को सुनवाई होगी.

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