महा रैली प्रदर्शन से राजा भैया ने अपने जीत का किया आगाज, 2 लाख लोग हुए शामिल

लखनऊ! बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने उत्तर प्रदेश में मायावती के बाद दूसरी सबसे बड़ी रैली का आगाज कर चुके हैं। राजा भैया के इस महा रैली में करीब 2 लाख लोगों की भीड़ इकठ्ठा हुई। आपको बता दें राजा भैया जनसत्ता के सहारे उत्तर भारत के राजपूत का मुख्य चेहरा बनना चाहते हैं।

राजा भैया ने रैली के जरिए अपनी पार्टी को मजबूत बनाने के ऐसे मुद्दे का चुनाव किया। जिससे उनकी पार्टी से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सकें। आपको बता दें राजा भैया को ये बात अच्छे से पता है कि अकेले उत्तर प्रदेश में राजपूतों की पार्टी नहीं चल सकती है।
यही वजह है कि राजा भैया ने अपनी रैली में इस बात का खासा ध्यान दिया है कि उनकी पार्टी से अधिक से अधिक लोग जुड़ सकें। रैली के दौरान उन्होने कहा की दलित और सवर्णों की बेटी में क्या अंतर है।
दलित की बेटी पर छेड़खानी का मुकदमा दर्ज हो सकता है तो गैर दलित पर क्यों नहीं. राजा भैया के इस सवाल ने रैली में साफ संदेश देने की कोशिश की दलित की बेटी के साथ अपराध हो या गैर दलित के साथ अपराध हमेशा अपराध की श्रेणी में आता है. इस मुद्दे से वह अपने फलक को ऊंचा रखना चाहते हैं।
खबरों के मुताबिक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया इस बात का खासा ध्यान रखते हैं कि वह हमेशा अल्पसंख्यकों से जुडे रहें। यही सबसे बड़ा कारण है कि राजा भैया के साथ पहले दिन प्रेस कॉन्फेस के दौरान एक मुसलमान साथी मौजूद था। रैली के दौरान भी एक मुसलमान उनके साथ खड़ा था। बाहुबली विधायक राजा भैया हमेशा चाहते हैं कि उनके साथ दलित, सवर्णों, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक सभी समुदाय के लोग उनके साथ और उनकी पार्टी से जुडे। जिसका नतीजा है रैली में 2 लाख से अधिक की भीड़ का जमा होना.
लोकसभा चुनाव में अभी 6 महीने से ज्यादा वक्त बचा है. लेकिन उनकी इस रैली को देख कर लगता है कि राजा भैया की पूरी कोशिश होगी कि वो चुनाव को प्रभावित कर सकें. वहीं राजा भैया के लिए 2019 का लोकसभा चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं होगी। बता दें कि रैली के बाद सत्ता के गलियारों में हलचल है. कहा जा रहा है कि सवर्णों के साथ लेकर पार्टी बनाने वाले राजा भैया एक बार फिर अपना परचम लहराने को तैयार हैं। बता दें कि रघुराज प्रताप सिंह ने 26 साल की उम्र में 1993 में पहली बार कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल कर चुके हैं। जिसके बाद से वे लगातार इसी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल करते चले आ रहे हैं.

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