महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की नई नियुक्तियों से संतुलन साधने की कोशिश

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक प्रदेश अध्यक्ष के साथ पांच कार्याध्यक्षों की नियुक्ति कर कांग्रेस ने क्षेत्रीय, जातीय और सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की है। बड़ी बात यह कि ये नियुक्तियां राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा कर चुके राहुल गांधी की सहमति से की गई हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के त्यागपत्र देने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण एवं मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा भी अपने-अपने पद से त्यागपत्र दे चुके हैं। शनिवार देर रात अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक विज्ञप्ति जारी कर बालासाहब थोरात को महाराष्ट्र कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, महाराष्ट्र के पांच क्षेत्रों के लिए पांच कार्याध्यक्षों की नियुक्ति भी की गई है।

इन कार्याध्यक्षों की नियुक्ति करते हुए क्षेत्रीय, जातीय एवं सामाजिक गणित का पूरा ख्याल रखा गया है। विज्ञप्ति में साफ कहा गया है कि ये नियुक्तियां माननीय कांग्रेस की सहमति से ही की गई हैं। बता दें कि राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में भी वहां के विधानसभा चुनावों से करीब एक साल पहले ही प्रदेश अध्यक्ष के साथ कई कार्याध्यक्षों की नियुक्तियां की गई थीं। बल्कि महाराष्ट्र में ये नियुक्तियां अपेक्षाकृत देरी से हो सकी हैं। क्योंकि यहां दो माह बाद ही विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने जा रहा है।

नवनियुक्त अध्यक्ष बालासाहब थोरात प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ मराठा नेता हैं। वह सात बार विधायक रह चुके हैं। अशोक चव्हाण के अध्यक्ष बनने से पहले भी उनका नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए चला था, लेकिन तब वह अध्यक्ष नहीं बन सके थे। उनके साथ कार्याध्यक्ष बनाए गए पांच लोगों में युवा और वरिष्ठ नेताओं का संयोग बैठाने की कोशिश की गई है। विदर्भ के नागपुर डिविजन से डॉ. नितिन राऊत और अमरावती डिविजन से यशोमती ठाकुर को कार्याध्यक्ष बनाया गया है। कोंकण डिविजन से कार्याध्यक्ष बने मुजफ्फर हुसैन डेढ़ टर्म विधान परिषद के अध्यक्ष रहने के साथ-साथ पांच साल तक महाराष्ट्र युवक कांग्रेस के भी अध्यक्ष रह चुके हैं।

मूलत: वह भी विदर्भ के अमरावती जनपद के ही मूल निवासी हैं, और मराठीभाषी मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करते हैं। बसवराज पाटिल मराठवाड़ा के लिंगायत नेता हैं। जबकि विश्वजीत कदम पश्चिम महाराष्ट्र के मराठा युवा नेता हैं। वह भी युवक कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। इस प्रकार कार्याध्यक्षों की नई टीम में युवाओं को तरजीह दी गई है। माना जा रहा है कि मुजफ्फर हुसैन और विश्वजीत जीत कदम के माध्यम से कांग्रेस उनके दौर में बने युवा संगठन का लाभ लेने के साथ यशोमती ठाकुर को आगे लाकर महिलाओं में अपनी पैठ बनाना चाहती है।

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