महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर किसानों की कर्ज माफी को लेकर प्रदर्शन करते कांग्रेस नेता….

महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता धरने पर बैठ गए हैं. किसान कर्ज माफी और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ यह प्रदर्शन किया जा रहा है. महाराष्ट्र में किसान का संकट लंबे समय से चला आ रहा है. राज्य की बीजेपी सरकार ने किसानों के कर्ज माफी का वादा किया था. अब कांग्रेस और एनसीपी किसानों की राहत देने की मांग के साथ असेंबली में प्रदर्शन कर रहे हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र के जो किसान केंद्र सरकार की ऋण माफी योजना के दायरे में नहीं आए हैं उन्हें राज्य सरकार की ओर से राहत मिलने की उम्मीद है. राज्य सरकार इसके लिए 141 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित करने जा रही है.

हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन राज्य मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इस पर चर्चा की गई. इसमें सैद्धांतिक तौर पर उन सात जिलों के किसानों को राहत देने पर सहमति बनी जो केंद्र के 237 जिलों के लिए घोषित पैकेज में शामिल नहीं हैं.

यह फैसला किया गया कि कोल्हापुर, भंडारा, गोंडिया और कोंकण क्षेत्र के चार जिलों रायगढ़, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी और ठाणे के किसानों को ऋण माफी का लाभ दिया जाना चाहिए. राज्य सरकार 141 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी.

बहरहाल, बता दें कि देश में किसान आत्महत्या का मुद्दा बड़ा ही गंभीर है. आज हालात ऐसे हैं कि किसान का बेटा किसान नहीं बनना चाहता है क्योंकि वह जानता है कि उनकी आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया. सरकारें आती हैं, चली जाती हैं लेकिन किसानों को मिलते हैं सिर्फ वादे. जो सत्ता में होते हैं वो किसानों को भूल जाते हैं. जो विपक्ष में होते हैं वो उन्हें सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी बना लेते हैं. कुल मिलाकर किसान की जिंदगी कठपुलती का खेल बनकर रही है.

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