महाराष्ट्र के कृषिमंत्री खडसे ने कहा-बढ़ सकती है सूखाग्रस्त गांवों की संख्या

khd_1445304662 (1) महाराष्ट्र,  मुंबई. राज्य सरकार द्वारा घोषित सूखाग्रस्त गांवों की अंतिम सूची नवंबर के पहले सप्ताह में जारी की जाएगी। इससे घोषित सूखाग्रस्त गांवों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। यह जानकारी कृषिमंत्री एकनाथ खडसे ने सोमवार को दी। बताया कि फसल कटाई के लिए विदर्भ व मराठवाड़ा में 15 दिसंबर और शेष महाराष्ट्र के लिए 15 नवंबर की तिथि तय मानी जाती है। इस बार फसल कटाई की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर रखी गई है।
दाल स्टॉक लिमिट घोषित करना होगा अनिवार्य : खडसे ने कहा कि दाल की ऊंची कीमतों में दिन प्रतिदिन कमी आ रही है। केंद्र के निर्देशानुसार दाल के बड़े स्टॉकिस्ट को अपने स्टॉक लिमिट की घोषणा करना अनिवार्य होगा। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने कड़े कदम उठाए हैं। उसका असर दिखाई देने लगा है। खडसे के अनुसार, आज दाल की कीमतों में 12 रुपए तक की कमी आई है। अनुमान है कि पिछले साल की तुलना में इस साल विदर्भ में उत्पादन 8 से 10 फीसदी अधिक होगा।
 
राजीव गांधी जीवनदायी योजना का नाम बदलने के पक्ष में नहीं
 
भाजपा के मंत्री नहीं चाहते कि राज्य की पिछली कांग्रेस-राकांपा सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाओं के नाम बदले जाए। इस मामले में भाजपा मंत्री सहयोगी दल शिवसेना से सहमत नहीं हैं। राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने सोमवार को कहा- मैं नहीं समझता कि राजीव गांधी जीवनदायी योजना का नाम बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत में खडसे ने कहा- महाराष्ट्र में ऐसी परम्परा नहीं रही है कि नई सरकार पिछली सरकार की योजनाओं का नाम बदल दे।
उन्होंने कहा कि नाम बदलने की बजाय नई योजनाएं शुरू की जाए। हमने प्रमोद महाजन कौशल्य विकास और दीनदयाल उपाध्याय घरकुल योजना जैसी नई स्कीमें शुरू की हैं।
शिवसेना चाहती है बदलना गौरतलब है कि शिवसेना नेता व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दीपक सावंत राजीव गांधी जीवनदायी योजना का नाम बदलकर बाला साहेब ठाकरे जीवनदायी योजना करना चाहते हैं। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर एेतराज जताया है।

दाल को लेकर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो कांग्रेस 26-27 अक्टूबर को प्रदेशभर में आंदोलन करेगी। त्यौहारी सीजन में दाल की कीमतें आसमान छू रही हैं। कीमतें नियंत्रित नहीं हुईं तो लोगों की जीना मुहाल हो जाएगा। ऐसे में सरकारी राशन की दुकानों पर रियायती दर पर दाल उपलब्ध कराया जाना चाहिए।” – अभिजीत देशमुख, कांग्रेस के मीडिया समन्वयक

 

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