मध्य प्रदेश: यूपी-बिहार के प्रवासियों पर कमलनाथ के बयान से आया सियासी भूचाल…
मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद मीडिया से रू-ब-रू हुए कमलनाथ ने कहा था कि सरकार की ओर से केवल उन्हीं उद्योगों को अनुदान दिया जाएगा जिनसे मध्यप्रदेश के स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तरप्रदेश के लोग रोजगार के लिए यहां आते हैं, जिस वजह स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलता।
यूपी- बिहार के प्रवासियों पर दिए अपने बयान के बाद अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। इस मुद्दे पर बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने ट्वीट करके निशाना साधा। उन्होनें इस बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस पर सत्ता में आते ही नफरत फैलाने का आरोप लगाया।
बिहार में भाजपा की सहयोगी जनता दल (यू) भी इसपर मुखर हो गई है। पार्टी ने कहा कि बिहार और यूपी में कांग्रेस का खस्ताहाल है, यही वजह है कि कांग्रेस यहां के लोगों से दुश्मनी निकाल रही है। यह सब राहुल गांधी के निशाने पर हो रहा है।
बिहार के नवादा से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस बयान पर कमलनाथ को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि कांग्रेस विदेशियों की तोड़ों और राज करो की नीति पर चल रही है और यूपी-बिहार की जनता इनको मुंह तोड़ जवाब देगी। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की भी मांग की है।
इन मुद्दों पर भी बोले मुख्यमंत्री कमलनाथ
कर्जमाफी चुनावों के दौरान मुद्दा बनी मगर कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जो बात सुर्खियां बटोर रही है वो है उद्योगों को दिए जाने वाले अनुदान को लेकर नई सरकार की नीति। सत्ता संभालने के साथ ही कमलनाथ ने घोषणा की कि सरकार की ओर से अनुदान केवल उन्हीं उद्योगों को दिया जाएगा जिनमें 70 फीसदी स्थानीय लोग कार्यरत होंगे।
कमलनाथ ने कहा कि हमने अनुदान को लेकर यह फैसला इसलिए लिया है ताकि स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। नवनियुक्त मुख्यमंत्री ने चार वस्त्र पार्क (गारमेंट पार्क) खोलने की भी घोषणा की।
कार्यभार संभालने के चंद घंटों में ही कमलनाथ ने राहुल गांधी के कर्जमाफी के एलान को पूरा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर पहली फाइल जिसपर मैंने दस्तखत किए वो किसानों के कर्जमाफी की है, जिसका वादा हमने अपने वचनपत्र में किया था। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने के 10 दिनों में कर्जमाफी का वादा किया था।
कांग्रेस सरकार ने एक अध्यादेश जारी करके सरकारी और सहकारी बैंकों से 31 मार्च 2018 तक किसानों के 2 लाख तक के सभी कर्ज को माफ करने का आदेश जारी किया। कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 34 लाख किसानों को इसका फायदा होगा ।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जब बैंक बड़े उद्योगपतियों का 40 से 50 फीसदी कर्ज माफ कर देते हैं तो कोई कुछ नहीं कहता मगर जब किसानों के कर्ज माफ होते हैं तो सवाल उठते हैं। सरकार ने कन्यादान योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि को भी बढ़ाकर 28 हजार से 51 हजार कर दिया है।
आरएसएस की शाखाओं को सरकारी संस्थानों में प्रतिबंधित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह आदेश केंद्र और गुजरात सरकार की तर्ज पर लिया गया है और इसमें कुछ भी नया नहीं है।
कमलनाथ जी का यू०पी और बिहार बिरोधी बयान कांग्रेस के विचारों को दोहराता है ..ये विदेशियों के गुलाम देश तोड़ो और राज करो के फार्मूले पर चल रहे है ।
बिहार एवं UP इनको मुहतोड़ जवाब देगा ।
राज ठाकरे की तरह क्षेत्रवाद और नफरत के बीज वाली घिनौनी राजनीति के लिए राहुल गांधी माफी मांगे।— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) December 18, 2018
बिहार के लोगों पर कांग्रेस नेता कमलनाथ का बयान घोर निन्दनीय है।
सत्ता में आये अभी दो दिन ही हुए कि कांग्रेस पार्टी का अहंकार नजर आने लगा है व उनका मूल चरित्र खोल से बाहर आने लगा है।
कांग्रेस ने सत्ता संभालते ही मध्यप्रदेश में क्षेत्रवाद का बीज बोना शुरू कर दिया।
— Nityanand Rai (@nityanandraibjp) December 17, 2018