मध्य प्रदेश में रैगिंग के 34 मामले, इनमें 41% शिकायतों के साथ भोपाल टॉप पर

भोपाल.रैगिंग के मामलों में भोपाल प्रदेश में टॉप पर है। इस साल अब तक प्रदेश में रैगिंग के 34 मामले सामने आ चुके हैं इनमें अकेले 41 प्रतिशत मामले भोपाल के हैं। जनवरी से लेकर जुलाई तक शहर के अलग-अलग संस्थानों से 14 शिकायतें नेशनल एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में हो चुकी है। इनमें से किसी भी मामले में आरोपी छात्रों के खिलाफ काेई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। छात्रों को केवल कुछ समय के लिए हॉस्टल या क्लास से सस्पेंड किया गया है।
मध्य प्रदेश में रैगिंग के 34 मामले, इनमें 41% शिकायतों के साथ भोपाल टॉप पर
पिछले दो हफ्तों के दौरान भोपाल के ही दो प्रतिष्ठित संस्थान नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट और मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) में रैगिंग के प्रकरण सामने अाने के बाद यह मामला फिर से विवादों में आ गया है। नेशनल एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार देश भर में रैगिंग के 306 मामले समाने आए हैं। इनमें अकेले मध्यप्रदेश से ही शिकायतों की संख्या 34 तक पहुंच गई है।

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देश में तीसरे स्थान पर
मध्यप्रदेश रैगिंग के आंकड़ों के हिसाब से देश में तीसरे नंबर पर है। पहले और दूसरे नंबर पर क्रमश: उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं। पिछले साल नेशनल एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में भोपाल से कुल 15 शिकायतें दर्ज की गई थी। इस साल जुलाई तक यह आंकड़ा 14 तक पहुंच गया है। पिछले साल भी जितने मामले आए थे, उनमें से किसी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई नहीं हुई।

 
मैनिट से ही दो दिन में रैगिंग की दो शिकायतें
मैनिट में 30 जुलाई को हुई रैगिंग की शिकायत के बाद दूसरे दिन भी एक मामला आया। 31 जुलाई को बीटेक प्रथम वर्ष के एक छात्र ने सीनियर के खिलाफ शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत की। इस शिकायत के बाद सोमवार को एंटी रैगिंग कमेटी ने छात्रों से बात की। यह मामला रैगिंग का न मानकर आपसी विवाद का बताया जा रहा है।
 
रैगिंग में टॉप-10 राज्य
राज्य 2017- 2016
उत्तर प्रदेश 43- 93
प.बंगाल 39 -50
मध्यप्रदेश 34 -55
कर्नाटक 24- 24
केरल 23- 35
तमिल नाडू 20- 33
महाराष्ट्र 17 -29
ओडिशा 12 -28
राजस्थान 12- 20
बिहार 10- 24
 
कॉलेजों का निरीक्षण करेेगी एंटी रैगिंग कमेटी
^नया शिक्षण सत्र शुरू हो गया है। इसके मद्देनजर आरजीपीवी से संबद्ध सभी संस्थानों को रैगिंग रोकने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई। विवि की एंटी रैगिंग कमेटी भी कॉलेजों को निरीक्षण करेगी। सभी संस्थानों को यूजीसी की गाइडलाइन के तहत कार्रवाई करने को कहा गया है। पालन न करने वाली संस्थाओं के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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